कार्य को अटकाना, लटकाना और भटकाना कांग्रेस की कार्यनीति रही है: पीएम मोदी
बीदर में भी कांग्रेस पीएम मोदी के निशाने पर रही। पीएम ने कहा, कार्य को अटकाना, लटकाना और भटकाना कांग्रेस की कार्यनीति रही है।
बेंगलुरू, एएनआई। कर्नाटक के बीदर-कलबुर्गी रेलवे लाइन का शुभारंभ करने के बाद पीएम मोदी ने वहां की जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने के 57 हजार करोड़ रुपये जो हकदार लोगों तक नहीं पहुंच पाते थे, वो हमने बचा लिए हैं। मैंने लालकिले से घोषणा की थी कि हम 1000 दिनों में 18000 गांवों में बिजली पहुंचाएंगे। अभी 1000 दिन नहीं हुए हैं और 15000 गांवों में बिजली पहुंच चुकी है। गरीब को अस्पताल में दवाई मिले, यह सरकार की जिम्मेदारी है, सरकार गरीब के लिए होती है। किसान को अगर पानी मिल जाए तो वह मिट्टी में भी सोना पैदा कर सकता है, लेकिन पानी के प्रोजेक्ट लटकाए गए।
बीदर में भी कांग्रेस पीएम मोदी के निशाने पर रही। पीएम ने कहा, कार्य को अटकाना, लटकाना और भटकाना कांग्रेस की कार्यनीति रही है। पिछली सरकार ने समय पर धनराशि बांटी होती तो पानी के प्रोजेक्ट आज से 7 साल पहले पूरा हो गया होता।
इससे पहले बेंगलुरू में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी और उसके नेता पी. चिदंबरम पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि कांग्रेस बेशर्मी के साथ उस भाषा का इस्तेमाल कर रही है जो कश्मीर में अलगाववादी बोलते हैं। यही भाषा पाकिस्तान में भी बोली जाती है।
उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों कांग्रेस नेता कश्मीर में आजादी मांगने वालों के लिए आवाज उठाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस नेता का कल का बयान बताता है उनकी पार्टी सर्जिकल स्ट्राइक और सेना की बहादुरी के बारे में क्या सोचती है।
पीएम मोदी यहीं नहीं रुके कहा कि जो कल सत्ता में थे आज अचानक यू टर्न ले रहे हैं और बेशर्मी के साथ बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस बयान का हर पल जवाब देना पड़ेगा। हम देश की एकता और अखंडता के साथ समझौता करेंगे भी नहीं, होने भी नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि क्या ऐसे लोग जो देश के वीरों के बलिदान पर अपनी राजनीति करने पर तुले हुए हैं, ऐसे लोगों से देश का भला हो सकता है?
आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने जम्मू एवं कश्मीर को ज्यादा स्वायत्तता देने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि कश्मीर घाटी में यही मांग है कि संविधान के अनुच्छेद 370 का सम्मान किया जाए। इसका मतलब यही है कि वे ज्यादा स्वायत्तता चाहते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह अभी भी यही मानते हैं कि जम्मू एवं कश्मीर को ज्यादा स्वायत्तता दे दी जानी चाहिए? उन्होंने कहा, 'हां।'
चिदंबरम ने जुलाई 2016 में भी जम्मू एवं कश्मीर को ज्यादा स्वायत्तता देने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि जिस विचार के तहत कश्मीर को बड़े पैमाने पर स्वायत्तता दी गई थी उसे बहाल करना चाहिए। यदि यह नहीं किया गया तो देश को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
यह भी पढ़ें: हम रहें या ना रहें इस देश को बर्बाद नहीं होने देंगे: पीएम मोदी