मुस्लिमों और ईसाइयों के लिए अनिवार्य करें परिवार नियोजन'
मुसलमानों से मतदान का अधिकार वापस लेने की मांग पर मचा हंगामा अभी थमा भी नहीं था कि शिवसेना ने एक नए विवाद की जमीन तैयार कर दी है। शिवसेना ने कहा है कि मुस्लिमों और ईसाइयों के लिए परिवार नियोजन अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि उनकी 'बढ़ती' आबादी पर
मुंबई। मुसलमानों से मतदान का अधिकार वापस लेने की मांग पर मचा हंगामा अभी थमा भी नहीं था कि शिवसेना ने एक नए विवाद की जमीन तैयार कर दी है। शिवसेना ने कहा है कि मुस्लिमों और ईसाइयों के लिए परिवार नियोजन अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि उनकी 'बढ़ती' आबादी पर रोक लगाई जा सके।
शिवसेना ने 'सामना' के संपादकीय में कहा, 'केवल बढ़ती आबादी से ही, कोई देश को पाकिस्तान बनाने की कोशिश कर सकता है, लेकिन परिवार को स्तरीय एवं स्वस्थ जीवन नहीं दे सकता।' शिवसेना ने इस मुद्दे पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा की उपाध्यक्ष साध्वी देवा ठाकुर की राय का समर्थन भी किया। हालांकि, पार्टी ने यह जरूर कहा कि साध्वी के शब्दों का चयन गलत हो सकता है।
संपादकीय के मुताबिक 'साध्वी देवा का कहना है कि मुसलमानों एवं ईसाइयों की बढ़ती आबादी देश के लिए खतरनाक है और इसलिए उनकी जबरन नसबंदी की जानी चाहिए। नसबंदी की जगह साध्वी को परिवार नियोजन शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए था।' गौरतलब है कि साध्वी ने कहा था कि मुसलमानों और ईसाइयों की बढ़ती आबादी हिंदुओं के लिए खतरा है और उसे रोकने लिए हर हाल में उनकी नसबंदी कराई जानी चाहिए। मुसलमानों से छीना जाए मतदान का अधिकार: शिवसेना
साध्वी ने कहा था, 'मुसलमानों और ईसाइयों की आबादी हर रोज बढ़ रही है। इस पर अंकुश लगाने के लिए, केंद्र को आपातकाल लगाना पड़ेगा, तथा मुसलमानों और ईसाइयों की जबरन नसबंदी करनी होगी, ताकि वे अपनी संख्या न बढ़ा सकें।'
अब शिवसेना ने उनका समर्थन करते हुए कहा,'साध्वी उतनी शिक्षित नहीं हैं जितने कि ओवैसी बंधु। इसलिए उन्होंने गलत शब्द का चयन कर लिया। साध्वी द्वारा इस्तेमाल नसबंदी शब्द को नजरअंदाज किया जा सकता है, लेकिन तथ्य यह है, उनकी (मुस्लिम, ईसाइयों की) आबादी और परिवार नियोजन समस्या है।' संपादकीय के मुताबिक यदि ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (एआइएमआइएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी वास्तव में मुस्लिमों को लेकर चिंतित हैं तो उन्हें परिवार नियोजन का समर्थन करना चाहिए और मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने की प्रथा खत्म करनी चाहिए।
शिवसेना ने कहा,'परिवार नियोजन अपनाने के बाद कोई भी अपने परिजनों की सही देखभाल करने के साथ ही बच्चों को स्तरीय शिक्षा दिला सकेगा।' शिवसेना मुसलमानों की नसबंदी की वकालत इसलिए करती है क्योंकि पार्टी उनके लिए भी खुशहाल जीवन चाहती है।
गौरतलब है कि दो दिन पहले सामना में शिवसेना नेता संजय राउत के लेख पर हंगामा मच गया था। राउत ने लेख में कहा था कि मुसलमानों को अक्सर वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है इसलिए उनका मताधिकार खत्म कर दिया जाना चाहिए।