नरेंद्र मोदी के हमले से सरकार में 'हड़कंप'
आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन नरेंद्र मोदी बनाम कांग्रेस की लड़ाई का अखाड़ा बन गया। हमले की शुरुआत मोदी ने की। उन्होंने इशरत जहां मुठभेड़ मामले में खुद को फंसाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को चुनौती दी कि 'यदि आपको हमसे लड़ना है तो राजनीतिक रूप से लड़िये। इसमें एजेंसियों का इस्तेमाल गलत है। ' मोदी ने मुख्यमंत्रियों की भरी सभा में यह कहकर सबको सन्न कर दिया।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन नरेंद्र मोदी बनाम कांग्रेस की लड़ाई का अखाड़ा बन गया। हमले की शुरुआत मोदी ने की। उन्होंने इशरत जहां मुठभेड़ मामले में खुद को फंसाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को चुनौती दी कि 'यदि आपको हमसे लड़ना है तो राजनीतिक रूप से लड़िये। इसमें एजेंसियों का इस्तेमाल गलत है।' मोदी ने मुख्यमंत्रियों की भरी सभा में यह कहकर सबको सन्न कर दिया।
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मोदी के हमले से अचकचाई केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने उन पर तीखे पलटवार किए। इसके पहले आंतरिक सुरक्षा सम्मेलन के अपने भाषण में मोदी ने इस आयोजन की प्रासंगिकता को ही सिरे से खारिज कर दिया। नक्सलवाद व आतंकवाद पर सरकारी नीतियों को आड़े हाथों लेने के बाद मोदी ने सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की राष्ट्रीय सलाहकार समिति में माओवादियों के होने का बयान देकर सत्ता तंत्र को बोलने पर विवश कर दिया। हालत यह हो गई कि चिदंबरम और तिवारी ने सम्मेलन के बीच में ही आकर मीडिया से मुलाकात की और मोदी पर तीखे तंज कसे।
गुजरात उपचुनाव में कांग्रेस से चार विधानसभा और दो लोकसभा सीटें छीनने से उत्साहित मोदी ने दिल्ली में सरकार की छाती पर चढ़कर पहला वार किया। मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में मोदी ने कहा कि 10 साल में ऐसी कई बैठकें हुईं, लेकिन मुख्यमंत्रियों के सुझावों पर केंद्र सरकार ने क्या कार्रवाई की, इस बारे में देश के सामने श्वेत पत्र पेश किया जाना चाहिए। पिछले दिनों हुई नक्सली हिंसा की घटना के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने संप्रग सरकार को ही इस हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कटाक्ष किया कि 'जो लोग नक्सलियों के साथ जुड़े हैं, उन्हें कभी योजना आयोग, तो कभी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] में भर्ती किया जा रहा है।' मोदी का इशारा गुजरात कैडर के आइएएस हर्ष मंदर की तरफ था, जो एनएसी में थे। इसी कड़ी में उन्होंने जोड़ा कि केंद्र सरकार बात तो राष्ट्रीय सुरक्षा की करती है, लेकिन उसके काम राजकीय सुरक्षा वाले होते हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने जिस पर मुकदमा किया उसके बरी होते ही सरकार ने उसे योजना आयोग का सदस्य बना दिया, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। उनका इशारा माओवादियों के हमदर्द बिनायक सेन की तरफ था। इसके साथ ही मोदी ने एनसीटीसी समेत सरकार के अन्य फैसलों में संघीय ढांचे को कमजोर करने जैसे आरोप भी लगाए। मजबूत कानूनों की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि क्रिकेट फिक्सिंग के लिए नया कानून बनाया जा रहा रहा है, लेकिन आतंकवाद के कानूनों को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने गुजरात में उपचुनाव के नतीजों को कांग्रेस के लिए जनता की नाराजगी का संदेश बताया।
मोदी के आरोपों की काट के लिए कांग्रेस की तरफ से उसके दो सबसे मुखर वक्ता चिदंबरम और मनीष तिवारी उतारे गए। चिदंबरम ने मजबूत कानून की मांग पर कटाक्ष किया कि वह पोटा और टाडा जैसे कानून लाने के हिमायती हैं। चिदंबरम ने चेतावनी दी कि यदि एनसीटीसी का विरोध हुआ तो देश इसकी कीमत चुकाएगा। एनएसी में माओवादी समर्थक होने के आरोपों को भी चिदंबरम ने सिरे से खारिज किया।
तिवारी ने बंदूक लेकर टोल पर हंगामा करने के मामले में कांग्रेस से निकाले गए विट्ठल रादडिया के भाजपा से टिकट मिलने और जीतने पर मोदी पर तंज कसा कि 'जब व्यक्ति बंदूक लेकर टोल गेट पर होता है तो वह कांग्रेसी और जब वह भाजपा के लिए चुनाव लड़ता है तो गंगा नहा लेता है।'
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