स्मृति से मिले संघ पदाधिकारी, दिए शिक्षा में बदलाव पर सुझाव
कृषि, श्रम सुधार और विदेशी निवेश जैसे कई मुद्दों पर सरकार को अपने एजेंडे की याद दिला चुके राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने यह स्पष्ट
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कृषि, श्रम सुधार और विदेशी निवेश जैसे कई मुद्दों पर सरकार को अपने एजेंडे की याद दिला चुके राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा सबसे अहम है। इसका स्वरूप भी दुरुस्त करना होगा और इसे सबके लिए उपलब्ध भी कराना होगा। बृहस्पतिवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को संघ से जुड़े संगठनों ने लंबी फेहरिस्त दे दी।
सरकार और संघ के बीच समन्वय के क्रम में बृहस्पतिवार को स्मृति ईरानी की बारी थी। संघ पदाधिकारी कृष्ण गोपाल, दत्तात्रेय होसबले, भाजपा महासचिव रामलाल व जेपी नड्डा की मौजूदगी में शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और अन्य संगठनों ने अपने सुझाव दिए। बताते हैैं कि सभी का मानना था कि शिक्षा में और खासकर इतिहास के पाठ्यक्रम में बदलाव की जरूरत है। शिक्षा ऐसी हो जिससे देश के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति आगे बढ़े। खुद की सभ्यता और संस्कृति के प्रति गौरव का भाव उत्पन्न होना चाहिए। वहीं सिद्धांतों की बजाय प्रयोग पर केंद्रित शिक्षा दी जानी चाहिए। शिक्षा के व्यवसायीकरण पर भी सवाल उठा और सुझाव दिया गया कि ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि शिक्षा हर किसी को उपलब्ध हो और गुणवत्ता भी अच्छी हो। बताते हैैं कि स्मृति ने उन्हें आश्वासन दिया है कि हर पहलू को देखते हुए शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाया जाएगा।