कांस्य पदक देख नानी बोलीं, मेडल देखने का था बेसब्री से इंतजार
साक्षी जब अपने ननिहाल ईस्माइला पहुंची तो वहां उनका भव्य स्वागत हुआ। साक्षी को अपने नानी शकुंतला देवी के हाथ का बना हुआ चूरमा खाने को मिला।
जागरण संवाददाता, रोहतक। साक्षी जब अपने ननिहाल ईस्माइला पहुंची तो वहां उनका भव्य स्वागत हुआ। साक्षी को अपने नानी शकुंतला देवी के हाथ का बना हुआ चूरमा खाने को मिला। साथ ही उन्होंने वहां पूरी-सब्जी का भी लुत्फ उठाया। साक्षी के लिए नानी के साथ ही थाली लगाई गई। इस दौरान नानी ने भी अपने हाथ से लाडो को खाना खिलाया। इससे पहले ईस्माइला पहुंचने पर साक्षी नानी से गले मिलीं और फिर पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया।
Rio में भारत को पहला पदक दिलाने वाली साक्षी का हुआ भव्य स्वागत
साक्षी ने रियो ओलंपिक में 58 किग्रा भार वर्ग में जीते कांस्य पदक को भी नानी को दिखाया। इस पर नानी ने कहा, इस मेडल को देखने के लिए मुझे बेसब्री से इंतजार था। नानी ने कहा कि तूने मेरा ही नहीं, सभी का सपना पूरा किया है। नानी ने सिर पर हाथ रखकर भविष्य में ढेरों सफलताओं के लिए आशीर्वाद दिया। नानी के हाथ से बने चूरमा के साथ ही काफिले में शामिल उनके परिजनों और रिश्तेदारों ने भी वहां पूरी-सब्जी का लुत्फ लिया।
ममेरी बहन बोली, साक्षी शरारती होने के साथ अनुशासन की धनी भी
साक्षी की ममेरी बहन सपना भी साक्षी से मिली। वे कुश्ती में देश के लिए मेडल जीतने वाली साक्षी से मिलने के बाद खुशी से फूली नहीं समाईं। यहां बता दें कि सपना साक्षी की हमउम्र होने के साथ ही साक्षी के साथ पढ़ी भी हैं। यही वजह है कि साक्षी की सबसे निकट दोस्त भी सपना है। सपना ने बताया कि साक्षी शरारती भी रही है, लेकिन आज तक कभी डांट नहीं खाई क्योंकि वह अपने नियम और अनुशासन की धनी रही है। इनका यह भी कहना है कि देश बेशक आज जीत की खुशी मना रहा है, लेकिन हमें बचपन से ही ऐसा लगता रहा कि साक्षी कभी देश और दुनिया में बड़ा नाम करेगी क्योंकि साक्षी जो कह देती है, वह करके दिखाने वाली लड़की है।