Result Scam : रूबी बोली - मैं तो 2nd division चाहती थी, चाचा ने तो टॉप करा दिया
रिजल्ट घोटाले में इस साल आर्ट्स की टॉपर रही रूबी राय से जेल में दो घंटे तक पूछताछ की गई। उसने बताया कि वह सेकेंड डिवीजन चाहती थी लेकिन बच्चा चाचा ने टॉपर बना दिया।
पटना [जेएनएन]। इस साल की बिहार बोर्ड की इंटर परीक्षा में फर्जी तरीके से टॉपर बनी रूबी राय को आखिरकार जेल जाना पड़ा। एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेटिंग टीम) रविवार को उसे बेऊर जेल ले गई। उसके बाद रूबी राय से एसआइटी ने महिला थाना में दो घंटे तक पूछताछ की। उसने सवालों का जवाब देते हुए बताया कि मैं तो सेकेंड डिवीजन चाहती थी, बच्चा चाचा ने तो टॉप ही करा दिया।
एसआइटी ने इंटर के रजिस्ट्रेशन से लेकर कॉपी लिखने तक से जुड़े कई सवाल पूछे। करीब 20 मिनट तक वह चुप्पी साधे रही। इसके बाद जवाब देना शुरू किया। हर सवाल के बाद उसका एक ही जवाब होता था, जी-तोड़ मेहनत की वजह से वह टॉपर बनी।
सवाल : क्या तुम विशुन राय कॉलेज में पढऩे जाती थी?
जवाब : हां, मैं हमेशा क्लास करती थी।
सवाल : क्या तुम्हें प्रवेशपत्र मिला था?
जवाब : हां, प्रवेशपत्र मेरे घर पहुंच गया था।
प्रश्न: तुम परीक्षा देने गई थी
जवाब : हां
सवाल : क्या तुम्हें पता था कि तुम टॉपर बनोगी?
जवाब : नहीं। इतना जरूर था कि पास हो जाउंगी।
सवाल : परीक्षा केंद्र पर परीक्षक ने कॉपी जांच की थी?
जवाब : हां, मुझे कहा गया था कि जिस सवाल का जवाब आए लिख देना, नहीं आए छोड़ देना। मुझे जवाब मालूम नहीं था। इसलिए, मैंने नहीं लिखा।
सवाल : इंटर परीक्षा में कॉपी किसने लिखी?
जवाब : अपनी कॉपी खुद लिखी थी। लेकिन, इतने नंबर मिलेंगे ये मालूम नहीं था।
सवाल : सच बोलो, किसने लिखी कॉपी?
जवाब : मुझे क्या पता। लेकिन, मैं अपनी मेहनत से पास हुई हूं।
सवाल : फिर तुम टॉप कैसे कर गई?
जवाब : बच्चा चाचा और पापा ने टॉपर बना दिया। मैं तो सेकेंड डिवीजन से पास करना चाहती थी। जो पूछना है उनसे ही पूछिए।
सवाल : बच्चा राय तुम्हारा चाचा है?
जवाब : नहीं, पापा के दोस्त हैं, एक ही जाति के हैं, मेरी मां भी सरकारी टीचर है, इसलिए चाचा कहते हैं।
सवाल : क्या परीक्षा के बाद तुम्हें अलग से लिखने के लिए कॉपी मिली थी?
जवाब : नहीं। परीक्षा समाप्त होने के बाद मैं घर चली आती थी।
सवाल : पापा ने परीक्षा से पहले कुछ कहा था।
जवाब : पापा ने कहा था कि रॉल नंबर और उपस्थिति पंजी ठीक से भरना। एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेटिंग टीम) ने रविवार को रूबी राय और एक अन्य आरोपी विकास चंद्रा को एडीजे की अदालत में पेश किया जहां से दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया गया। रूबी राय को महिला वार्ड में रखा गया है।
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कहा रूबी ने - टॉपर बनने लायक नहीं थी इस बीच एसआइटी से पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि परीक्षा केंद्र पर बेशक उसने कॉपी लिखी, लेकिन वह टॉप करने लायक नहीं थी। उसे सेकंड डिवीजन से पास होने की उम्मीद थी। लेकिन उसके चाचा (बच्चा राय) ने टॉप करा दिया। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से तीसरी नोटिस मिलने के बाद रूबी राय शनिवार को विशेषज्ञों के बोर्ड के सामने जांच परीक्षा में पेश हुई थी पर सामान्य सवालों का भी जवाब नहीं दे सकी। बोर्ड ने उसका रिजल्ट रद कर दिया था। बोर्ड ऑफिस से बाहर निकलते ही एसआइटी ने उसे गिरफ्त में ले लिया था।
लालकेश्वर के पीए विकास से भी पूछताछ
लालकेश्वर प्रसाद के बेटे के साले और उनके निजी सचिव विकास चंद्रा से भी पुलिस ने पूछताछ की। दोपहर करीब ढाई बजे कड़ी सुरक्षा के बीच स्कॉर्पियो से रूबी को पटना सिविल कोर्ट लाया गया। एक घंटे के बाद कोतवाली थाना पुलिस विकास चंद्रा को लेकर आई। छुट्टी का दिन होने के बावजूद एडीजे की अदालत में दो घंटे तक कागजी प्रक्रिया चली। इसके बाद पुलिस दोनों को छज्जूबाग स्थित न्यायाधीश के आवास ले गई। यहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया गया।
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17 साल 5 महीने की है रूबी
सर्टिफिकेट के अनुसार रूबी की उम्र 17 साल 5 महीने है। अदालत ने उसे बालिग पाया और बेउर जेल भेज दिया। उसे जेल में पूर्व विधायक ऊषा सिन्हा के साथ रखा गया है। पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रमोद राजपति ने बताया कि अदालत को यह अधिकार है कि अगर किसी युवक या युवती की उम्र 18 साल के करीब हो और अदालत को ऐसा लगे कि वह बालिग हो चुका या चुकी है तो उसे रिमांड होम या बाल सुधार गृह के बजाए व्यस्कों की जेल में भेजा जा सकता है।
यदि आरोपी के परिजनों को अदालत का फैसला मंजूर न हो तो वे किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए याचिका दायर कर सकते हैं। इसके बाद आयु की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाता है।