Result Scam : लालकेश्वर की काली कमाई का सच, छह साल में जमा किए 10 करोड़
बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने छह साल के अपने कार्यकाल में 10 करोड़ की काली कमाई की है। आर्थिक अपराध इकाई अब इसे जब्त करने की प्रक्रिया आरंभ करने जा रही है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद और उनकी पूर्व एमएलए पत्नी व गंगा देवी महिला कॉलेज की निलंबित प्राचार्या डॉ. ऊषा सिन्हा की मुश्किलें और बढऩे वाली हैं। आर्थिक अपराध इकाई ने दोनों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज कर संपत्ति जब्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार लालकेश्वर प्रसाद ने छह सालों के अपने कार्यकाल में 10 करोड़ की काली कमाई की है।
केस दर्ज करने की हो रही तैयारी
ईओयू ने अभी इस मामले में दोनों के खिलाफ अपने स्तर से और अपने थाने में कोई केस दर्ज नहीं किया है। लेकिन, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केस दर्ज करने से पहले दोनों की संपत्ति की जांच शुरू कर दी गई है। इसके लिए ईओयू जल्द ही अपनी एक टीम का गठन करेगा।
दोनों बेटों की संपत्ति भी होगी शामिल
ईओयू के एक अधिकारी ने बताया कि इस जांच के दायरे में लालकेश्वर दंपत्ति के दोनों पुत्रों की कमाई को भी शामिल किया जाएगा। फिलहाल पिछले छह वर्षों में लालकेश्वर प्रसाद सिंह और ऊषा सिन्हा के द्वारा नालंदा स्थित उनके गांव से लेकर पटना, दिल्ली समेत देश के कई अन्य शहरों में दस करोड़ से भी अधिक की संपत्ति खरीदने की जानकारी ईओयू को मिली है। ईओयू अपनी अलग-अलग टीमों का गठन कर उन सभी स्थानों पर दोनों की संपत्ति की जांच करने को रवाना करने वाली है।
बेटे के लाभ के लिए जमा कराए 54 करोड़
ईओयू के सूत्रों ने बताया कि लालकेश्वर सिंह का एक पुत्र पटना में ही यूनाइटेड बैंक में प्रमाणीकरण अधिकारी के रूप में कार्यरत है। जब उसे प्रोन्नति के लिए अपने बैंक में मोटी रकम जमा करवाने का टारगेट दिया गया तो लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने बिहार बोर्ड के 54 करोड़ रुपये उसके बैंक में जमा करा दिए। ईओयू को इस संबंध में बैंक व परीक्षा समिति से पुख्ता सबूत भी हाथ लगे हैं। बताया जाता है कि जल्द ही लालकेश्वर के पुत्र से ईओयू की एक टीम पूछताछ कर सकती है।