केरल में राहुल को ढूंढ रहे रविशंकर
केरल में एसएनडीपी के साथ गठबंधन के बाद कांग्रेस और वाम मोर्चा के खेमे में बड़ी सेंध लगाने में सफल दिख रही भाजपा दलित और राष्ट्रवादी हिंदुत्व कार्ड खेलने में कोई कोताही नहीं कर रही है..

विशेष संवाददाता, मल्लपुरम(केरल)। केरल में एसएनडीपी के साथ गठबंधन के बाद कांग्रेस और वाम मोर्चा के खेमे में बड़ी सेंध लगाने में सफल दिख रही भाजपा दलित और राष्ट्रवादी हिंदुत्व कार्ड खेलने में कोई कोताही नहीं कर रही है। और इसकी पूरी कोशिश है कि दोनों ही मामले में स्थानीय नेताओं के साथ साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी निशाने पर रहें। रविवार को केरल में चार रैलियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय संचार व सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हर मौके पर राहुल का नाम लिया और पूछा कि दलित युवती जीशा के साथ जो कुछ हुआ उस पर राहुल क्यों चुप हैं। वह आगे जोड़ने से भी नहीं चूके कि राहुल दिखें तो उनसे चुप्पी का राज जरूर पूछिए।
मल्लपुरम केरल का वह क्षेत्र है जहां सत्तर फीसद से ज्यादा आबादी मुस्लिम है। रविशंकर ने जहां सबका साथ सबका विकास की बात की, वहीं 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के मुद्दे पर भी बोले। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को वंदे मातरम कहने में शर्म आती है और वह सोचते हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय इससे खुश होता है। जबकि सच्चाई बिल्कुल अलग है। तालियों के बीच उन्होंने महावीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद का उदाहरण देते हुए कहा शहीद होते हुए भी उन्होंने भारत माता की जय का ही नारा लगाया था। परोक्ष रूप से उन्होंने राहुल और वाम नेताओं के जेएनयू जाने की घटना की याद दिला दी जहां वह छात्र संघ नेता कन्हैया कुमार के साथ खड़े दिखे थे। गौरतलब है कि कन्हैया पर भारत विरोधी नारे लगाने का आरोप था। हालांकि कन्हैया इससे इनकार करता रहा है।
वहीं कांग्रेस शासित केरल में जीशा के साथ बलात्कार की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल हैदराबाद में एक दलित छात्र वेमुला की आत्महत्या पर विरोध जताने दो बार गए। धरने पर भी बैठे। लेकिन जीशा के मामले में न्याय तो क्या सांत्वना भी नहीं जता रहे हैं। वह अपनी सरकार को निर्देश दे सकते थे कि जल्द कार्रवाई करें। लेकिन वह चुप्पी साध कर बैठ गए हैं। साफ है कि राहुल दलितों और अल्पसंख्यकों को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं।
ध्यान रहे कि इस बार केरल में भाजपा गठबंधन के अच्छे प्रदर्शन की आशा जताई जा रही है। यहां 16 मई को मतदान है। गठबंधन के खाते में कितनी सीटें आएंगी यह तो नहीं बताया जा सकता है लेकिन कांग्रेस और वाम मोर्चा भी मान रहा है कि कई सीटों पर भाजपा गठबंधन बड़ा उलटफेर कर सकता है।

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