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बोले यूपी के नए राज्यपाल, कुरैशी के फैसले की समीक्षा नहीं

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने साफ कर दिया है कि उनके पूर्ववर्ती राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी द्वारा मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने वाले विधेयक को मंजूरी देने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का उनका कोई इरादा नहीं है।

By Edited By: Published: Tue, 22 Jul 2014 05:18 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jul 2014 08:24 AM (IST)
बोले यूपी के नए राज्यपाल, कुरैशी के फैसले की समीक्षा नहीं

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने साफ कर दिया है कि उनके पूर्ववर्ती राज्यपाल डा. अजीज कुरैशी द्वारा मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने वाले विधेयक को मंजूरी देने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का उनका कोई इरादा नहीं है।

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राज्यपाल पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में इस बाबत पूछे जाने पर कहा कि जब सरकारें बदलती हैं तो नयी सरकार की कैबिनेट द्वारा पुरानी सरकार के आखिर के एक-दो महीने के निर्णयों को 'रिव्यू' किया जाता है लेकिन राज्यपाल के मामले में ऐसा नहीं होता। राज्यपाल के निर्णय के बाद कानून बन जाता है और यदि किसी को इससे शिकायत है तो वह समाधान के लिए न्यायपालिका के पास जा सकता है।

नए राज्यपाल ने भरोसा दिलाया कि उनके द्वारा पांच साल में कोई भी ऐसा निर्णय नहीं होगा जिसे अनुचित कहा जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्यपाल का काम प्रशासनिक नहीं होता। यह काम चुने हुए जन प्रतिनिधियों का होता है। अलबत्ता उन्होंने कहा कि वह जानकारी के लिए जनसंपर्क करेंगे न कि दिखावे के लिए लेकिन जनसंपर्क की पद्धति क्या होगी यह आगे तय होगा। प्रदेश की कानून व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह बिना जानकारी के आरोप लगाने अथवा आक्षेप करने में विश्वास नहंी करते।

राम नाईक ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में अपना योगदान देंगे और केंद्र तथा प्रदेश के बीच सेतु के रूप में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि चांसलर के तौर पर वह विश्वविद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने पर जोर देंगे। मुम्बई में उत्तर भारतीयों पर होने वाले हमलों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह मामला जितना गम्भीर यहां से लगता है उतना गम्भीर है नहीं।

राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ऐसा करती है लेकिन उसका समर्थन बहुत कम है लेकिन यह मानता हूं कि उनमें तोड़ फोड़ करने की शक्ति है। उन्होंने कहा कि भाषा और जाति के आधार पर विवाद खड़ा करने के दिन अब लद चुके हैं।

इसके पहले शाम पांच बजे राज भवन में आयोजित समारोह में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डा. डीवाई चंद्रचूड़ ने राम नाईक को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा उनके मंत्रिमंडल के तमाम सदस्य और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

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