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कांग्रेस में बगावत से निपट लेंगे

लोकसभा चुनावों में करारी पराजय से उबरने में लगी कांग्रेस में बगावत की आंच पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुंच गई है। अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दौरे पर गए राहुल ने पार्टी में मतभेद होने की बात स्वीकार करते हुए इसे सुलझा लेने की बात कही है।

By Edited By: Published: Fri, 05 Sep 2014 01:07 AM (IST)Updated: Fri, 05 Sep 2014 08:07 AM (IST)
कांग्रेस में बगावत से निपट लेंगे

नई दिल्ली, सीतेश द्विवेदी। लोकसभा चुनावों में करारी पराजय से उबरने में लगी कांग्रेस में बगावत की आंच पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुंच गई है। अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दौरे पर गए राहुल ने पार्टी में मतभेद होने की बात स्वीकार करते हुए इसे सुलझा लेने की बात कही है। राहुल ने कहा कि पार्टी में 'इस तरह के तनाव होते रहते हैं, हम इससे निपट लेंगे।'

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राहुल गांधी के इस बयान को हार के बोझ को पार्टी उपाध्यक्ष के कंधे से उतारने के प्रयास में वरिष्ठ नेताओं को निशाने पर लेने वाले कांग्रेस के युवा तुर्क नेताओं की हमदर्दी वाला माना जा रहा है। गुरुवार को पार्टी सचिव नसीब सिंह, शकील अहमद, प्रकाश जोशी और हरीश चौधरी ने इस संबंध में एक ज्ञापन संगठन महासचिव जर्नादन द्विवेदी को सौंपा। सूत्रों के मुताबिक पार्टी में बगावत की चिंगारी को शांत करने के लिए आलाकमान की पहल पर यह कदम उठाया गया है। ज्ञापन देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष से समय मांग रहे इन नेताओं को कहा गया कि वे अपनी बात संगठन महासचिव से कहें। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को कांग्रेस सीईसी की बैठक के बाद नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए अमेरिका जाने की तैयारी कर रही कांग्रेस अध्यक्ष इस मामले को बढ़ने नही देना चाहती हैं। हालांकि, पार्टी में राहुल को और अधिक जिम्मेदारी देने का मन बना चुकी कांग्रेस अध्यक्ष, राहुल को लेकर हुई सार्वजनिक बयानबाजी से असहज हैं। संकेत यह भी हैं कि इस बार उनकी अनुपस्थिति में कांग्रेस पार्टी को संभालने के लिए किसी को नामित नहीं किया जाएगा।

इससे पहले 'टीम राहुल' के सोलह में से चौदह सचिवों के हस्ताक्षरों वाले दो पैरा के इस ज्ञापन में कहा गया है कि लोकसभा चुनावों में हुई हार के कारणों की छानबीन के लिए गठित एंटनी कमेटी के सामने अपनी बात रखने के बाद नेताओं को सार्वजानिक बयानबाजी नही करनी चाहिए। पत्र में विभिन्न राज्यों का प्रभार देख रहे महासचिवों पर भी सवाल उठाया गया है। राहुल की पहल पर पार्टी सचिव बनाए गए प्रकाश जोशी ने कहा कि 'सार्वजनिक बयानबाजी कर रहे नेताओं को यह देखना चाहिए के उन्होंने पार्टी की तरफ से दी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन कैसे किया है।' जोशी ने राहुल गांधी के निर्णयों को सही ठहराते हुए कहा कि 'पार्टी उपाध्यक्ष अगर कोई कड़ा निर्णय लेंगे तो वे सब उनके साथ हैं।'

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