पुनिया को आगे कर राहुल की मायावती को चुनौती
नौकरशाही से राजनीति में आए पीएल पूनिया को कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। कांग्रेस के इस फैसले से जहां इस सीट के लिए जोरदार पैरवी कर रहे निर्मल खत्री को झटका लगा है वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के लिए भी इसमें
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नौकरशाही से राजनीति में आए पीएल पूनिया को कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। कांग्रेस के इस फैसले से जहां इस सीट के लिए जोरदार पैरवी कर रहे निर्मल खत्री को झटका लगा है वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के लिए भी इसमें संदेश छुपा हुआ है। बसपाई से कांग्रेसी बने पुनिया को सहयोग देने का वादा कर समाजवादी पार्टी ने भी बेनी वर्मा से अपना पुराना हिसाब बराबर करने की कोशिश की है। गौरतलब है कि बेनी प्रसाद वर्मा और पीएल पुनिया के बीच संबंध अच्छे नहीं है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी से नाराज चल रहे वर्मा इसके जवाब में किसे कड़े कदम की तैयारी कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में बाराबंकी से सांसद रह चुके पुनिया कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं। राज्य में दलितों को मायावती के प्रभाव से खींचने के लिए पुनिया को कांग्रेस में लाकर राहुल ने उन्हें राज्य में कांग्रेस का दलित चेहरा बनाया था। पुनिया भले ही दलितों में वह जगह बनाने में कामयाब नही हो सके लेकिन राहुल पर उनका प्रभाव बन गया। पहले राहुल ने पुनिया को अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनवाकर मायावती को जवाब देने की कोशिश की। लेकिन कभी मुलायम और मायावती के सचिव रह चुके व इन दोनों के नेताओं के कमजोर पक्ष को जानने का दावा करने वाले पुनिया इस पद पर रहते हुए खास असर छोडऩे में नाकाम रहे। इसके बावजूद टीवी बहस में राहुल के बचाव में लगातार दिखने वाले पुनिया को राज्यसभा टिकट देकर राहुल ने एक बार फिर पार्टी में अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने की दिशा में पहल की है।।