पश्चिमी उप्र में फिर उपद्रव, शामली में आगजनी; फायरिंग
जमातियों के साथ शुक्रवार रात हुई मारपीट की घटना के बाद शनिवार को मेरठ व सहारनपुर मंडल के कई जिले तनाव की जद में आ गए। शामली के कांधला में फायरिंग व थाने में आगजनी हुई। उपद्रवियों के हमले में
जागरण संवाददाता, शामली। जमातियों के साथ शुक्रवार रात हुई मारपीट की घटना के बाद शनिवार को मेरठ व सहारनपुर मंडल के कई जिले तनाव की जद में आ गए। शामली के कांधला में फायरिंग व थाने में आगजनी हुई। उपद्रवियों के हमले में एसपी समेत 16 पुलिसकर्मी घायल हो गए। दिल्ली- सहारनपुर मार्ग पर कई ट्रेनों में यात्रियों से मारपीट की गई। पुलिस हालात काबू में होने का दावा कर रही है, लेकिन बागपत, शामली व मुजफ्फरनगर में तनाव साफ महसूस हो रहा है। पूर्व चेयरमैन हाजी इस्लाम समेत दो हजार लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
शनिवार सुबह छह बजे ही सपा विधायक नाहिद हसन के नेतृत्व में भीड़ कांधला रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक पर बैठ गई और जमातियों से मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगी। शामली के डीएम व एसपी के जल्द कार्रवाई के आश्वासन पर विधायक तो धरने से उठ गए, लेकिन भीड़ ने हटने से इन्कार कर दिया। समर्थकों के साथ विधायक के जाते ही भीड़ उग्र हो गई और उसने रेलवे स्टेशन पर खड़ी हरिद्वार-बीकानेर एक्सप्रेस पर हमला बोल दिया। यात्रियों से मारपीट की गई।
पुलिस से उपद्रवियों की भिड़ंत में दोनों ओर से गोली भी चली। गोली लगने से घायल बच्चे समेत तीन लोगों को शामली जिला अस्पताल भेजा गया है, लेकिन प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। भीड़ को किसी तरह स्टेशन से खदेड़ा गया तो उसने कांधला थाने पर धावा बोल दिया गया। पुलिसकर्मियों के वाहन फूंक दिए और जमकर तोडफ़ोड़ की। पुलिस ने भीड़ को हवाई फायङ्क्षरग और लाठीचार्ज कर तितर-बितर किया।
घंटों प्रभावित रहा दिल्ली- सहारनपुर रेल मार्ग
बड़ौत में भी भीड़ ने रेलवे स्टेशन घेरा और हंगामा किया। दिल्ली- सहारनपुर रेल मार्ग के कासिमपुर खेरी रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेन संचालन को बाधित किया गया और भीड़ ने ट्रेन पर पथराव किया। दिल्ली-शामली रेलमार्ग पूरी तरह से बाधित रहा। जिले के तमाम रेलवे स्टेशनों पर हजारों यात्री भटकते रहे। ट्रेन संचालन बंद होने से कई लोगों के नौकरी के इंटरव्यू छूट गए।
यह है मारपीट प्रकरण
शुक्रवार रात महाराष्ट्र के कुछ लोग कांधला की जमात में शामिल होने आ रहे थे। उनसे बागपत के सूजरा गांव के पास मारपीट और अभद्रता की गई थी। इन लोगों ने कांधला पहुंचकर लोगों को सूचना दी तो काफी देर तक हंगामा और थाने का घेराव हुआ था। आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर रेल रोकने की धमकी दी गई थी। गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान भी बागपत और शामली के सीमावर्ती इलाकों में जमकर ङ्क्षहसा हुई थी। यह पूरा क्षेत्र बेहद संवेदनशील है।
पढ़ेंः फिर सुलगा पश्चिमी उप्र