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एक बीघा जमीन की कीमत एक करोड़ और नौकरी

कभी-कभी विकास का पाठ लोग आसानी से नहीं समझ पाते, ऐसे में अच्छी योजनाओं को सपोर्ट नहीं कर पाते। खेरिया एयरपोर्ट के नए टर्मिनल की जमीन के मामले में भी ऐसा ही हो रहा है। धनौली और बढ़ेरा गांव के किसानों ने एक बीघा जमीन की कीमत एक करोड़ और नौकरी रख दी है। इससे कम कीमत पर किसान जमीन देने के

By Edited By: Published: Mon, 23 Jun 2014 08:18 AM (IST)Updated: Mon, 23 Jun 2014 12:32 PM (IST)
एक बीघा जमीन की कीमत एक करोड़ और नौकरी

आगरा, जागरण संवाददाता। कभी-कभी विकास का पाठ लोग आसानी से नहीं समझ पाते, ऐसे में अच्छी योजनाओं को सपोर्ट नहीं कर पाते। खेरिया एयरपोर्ट के नए टर्मिनल की जमीन के मामले में भी ऐसा ही हो रहा है। धनौली और बढ़ेरा गांव के किसानों ने एक बीघा जमीन की कीमत एक करोड़ और नौकरी रख दी है। इससे कम कीमत पर किसान जमीन देने के लिए राजी नहीं हैं। यह दे पाना प्रशासन के लिए संभव नहीं है, ऐसे में एयरपोर्ट का विस्तार मुश्किल है।

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डीएम पंकज कुमार ने बीते मंगलवार को नए टर्मिनल के जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई को तेज करने के आदेश दिए थे। इसके बाद तहसील सदर के लेखपालों और अफसरों ने किसानों से संपर्क किया। कुछ किसान भी तहसील में अफसरों से मिलने पहुंचे और फिर जमीन को लेकर बातचीत की। किसानों की मांग सुन अफसरों की बोलती बंद हो गई। कुछ ऐसा ही गांव पहुंचे लेखपालों के साथ भी हुआ। किसानों का कहना था कि 55 एकड़ जमीन एक ही शर्त पर देंगे, उन्हें प्रति बीघा एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिले। साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी।

बढ़ेरा के किसानों का कहना था कि टर्मिनल बनने से गांव की ओर का रास्ता बंद हो जाएगा, इसलिए टर्मिनल के सहारे रास्ता दिया जाए। साथ ही किसानों को नई भूमि अधिग्रहण में मिलने वाली सभी सुविधाओं का लाभ मिले। इसके बाद ही जमीन देने के बारे में वे सोच सकते हैं।

गौरतलब है कि खेरिया हवाई अड्डे पर यात्रियों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट अथॉर्टी ऑफ इंडिया (एएआइ) ने दो साल पहले प्रस्ताव दिया था। बीती जनवरी में उप्र सरकार ने जमीन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। फिर भूमि के अधिग्रहण के बजाय सीधी खरीद का फैसला लेते हुए जिला प्रशासन को 26 करोड़ रुपये भी आवंटित कर दिए। अब अधिकारी जमीन हासिल करने की कसरत में जुटे हैं।

पीएम के एजेंडे में शामिल

खेरिया एयरपोर्ट का सिविल टर्मिनल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 100 दिन के एजेंडे में भी शामिल बताया जाता है। केंद्र और राच्य सरकार के अधिकारियों के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक भी हुई थी, जिसमें जमीन की उपलब्धता की बात उठी थी। जमीन अधिग्रहण होने के बाद ही आगे की कार्रवाई पूरी हो सकेगी।

पढ़ें: फूड पार्क को जल्द हस्तांतरित होगी जमीन


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