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गरीबों का धर्मातरण नहीं, धोखा हुआ

वेदनगर बस्ती में जिस 'धर्म युद्ध' ने संसद की कार्यवाही को झुलसा दिया। धर्म परिवर्तन के विवाद पर विपक्षियों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया, वह धर्म परिवर्तन हुआ नहीं है। बल्कि गरीबों के साथ धर्मातरण के नाम पर धोखा हुआ है। मन और कर्म से मुस्लिम परिवार हिंदू हुए ही

By manoj yadavEdited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 07:09 PM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 07:14 PM (IST)
गरीबों का धर्मातरण नहीं, धोखा हुआ

जागरण संवाददाता, आगरा। वेदनगर बस्ती में जिस 'धर्म युद्ध' ने संसद की कार्यवाही को झुलसा दिया। धर्म परिवर्तन के विवाद पर विपक्षियों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया, वह धर्म परिवर्तन हुआ नहीं है। बल्कि गरीबों के साथ धर्मातरण के नाम पर धोखा हुआ है। मन और कर्म से मुस्लिम परिवार हिंदू हुए ही नहीं। अशिक्षा और लाचारी का फायदा उठाने का प्रयास किया गया है। यह खुलासा राज्य अल्पसंख्यक आयोग की टीम ने किया।

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शनिवार को टीम ने पीडि़तों से मुलाकात कर पुलिस-अफसरों से पूछताछ की। देवरी रोड स्थित बस्ती में आयोग के सदस्यों शफी आजमी, सुहैल अयूब, नफीसुल हसन और मुफ्ती जुल्फिकार अली ने जांच की। उनका कहना था कि आठ दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम की भनक स्थानीय खुफिया इकाई (एलआइयू), पुलिस-प्रशासन के अफसरों को नहीं थी। इसी के चलते चंद बड़े भाइयों (हिंदू संगठनों के लोगों) ने पूरा खेल खेला। छोटे भाइयों की पीठ में छुरा घोंप दिया। अनैतिक कुंड को सजाया गया और फिर मुस्लिम परिवारों से पूजा पाठ कराया गया, लेकिन जो मुस्लिम पूजन में शामिल हुए, उन्होंने टोपी नहीं उतारी। यहां तक कि पूजन के बाद मुस्लिम परिवार के सदस्यों ने नमाज अदा की।

अगले दिन मीडिया की खबरों से गरीबों को उनके साथ हुए छल का पता चला। टीम के सदस्यों ने कहा कि गरीबों की दो से तीन पीढि़यां मुस्लिम समुदाय पर आस्था रखती हैं। उन्होंने कहा कि बीस दिनों के भीतर शासन को जांच रिपोर्ट दे दी जाएगी।

आयोग की टीम दोपहर करीब 12 बजे बस्ती पहुंची। तब सपा के जिलाध्यक्ष रामसहाय यादव, शहर अध्यक्ष फर्रुख सियर सहित कई अन्य दलों के नेता पहुंच चुके थे। टीम ने सबसे पहले ठेकेदार इस्माइल के 25 मिनट तक बयान लिए। फिर दस पुरुषों, महिलाओं और बच्चों से बातचीत की। इसके बाद सर्किट हाउस में अपर जिलाधिकारी नगर राजेश कुमार व एसपी सिटी समीर सौरभ के साथ बैठक की।

नागरिकता पर कोई टिप्पणी नहीं

आयोग ने मुस्लिम परिवारों की नागरिकता पर कोई टिप्पणी नहीं की। कहा कि पुलिस जांच चल रही है। हां, गरीबों के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। प्रशासन की जांच रिपोर्ट पर भी कुछ कहने से इंकार कर दिया।

सर्किट हाउस में भिड़े मुस्लिम

सर्किट हाउस में शनिवार सुबह करीब साढ़े दस बजे बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के नेता पहुंच गए। बस्ती में गरीबों की मदद का श्रेय लेने के चक्कर में दो नेता आपस में ही भिड़ गए।

आयोग की सिफारिश

वेद नगर के 48 परिवारों के 169 सदस्यों को आवास, नौकरी व अन्य मूलभूत सुविधाएं दिलाने की व्यवस्था हो। बच्चों का मदरसों में प्रवेश और तालीम दिलाई जाए। जरूरत पड़ने पर गरीबों के राशन कार्ड भी बनाए जाएं।


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