Move to Jagran APP

हजारों साल पुराने है भारत-ईरान के संबंध, PM की यात्रा से मिलेगी और मजबूती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से ईरान के दौरे पर जा रहे हैं। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच हजारों साल के पुराने रिश्ते को और मजबूती करना है।

By kishor joshiEdited By: Published: Sun, 22 May 2016 09:16 AM (IST)Updated: Sun, 22 May 2016 06:55 PM (IST)

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिन के ईरान दौरे पर हैं। ईरान से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटने के चार महीने बाद हो रहा मोदी का दौरा भारत के लिए कई मायनों में अहम माना जा रहा है। इस दौरान चाहबार तट के विकास के अलावा भारत की ऊर्जा ज़रूरतों पर भी विस्तृत चर्चा हो सकती है।

loksabha election banner

पढ़ें: ईरान में भारत के हित

भारत और ईरान दोनों ऐसी प्राचीन सभ्यताओं के देश हैं जिनका संबध हज़ारों साल पुराना है। आज़ादी से पहले ईरान भारत का पड़ोसी था लेकिन पाकिस्तान बनने के बाद संपर्क टूट गया। भले ही दोनों देशों के बीच रेल और रोड संपर्क टूट गया हो लेकिन एक बार फिर वह समुद्री मार्ग के जरिए आपस में जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं। ईरान ने भारत को चाबहार शहर में बंदरगाह बनाने का काम सौंप दिया है और अगले दस साल तक इसका प्रबंधन भी भारत करेगा।

70 और 80 के दशक में आई आपसी रिश्तों में गिरावट

भारत और ईरान संबंधों का आधार बहुत नाजुक रहा है। 70 और 80 के दशक के अंतिम दौरान में दोनों देशों के आपसी रिश्तों में गिरावट आ गई थी। 1990 में भारत और ईरान के संबंधों में उल्लेखनीय परिवर्तन देखने को मिला जब दोनों देशों ने अंतर्राष्ट्रीय वातावरण में आए बदलाव को ध्यान में रखते हुए अपनी-अपनी विदेश नीति में बदलाव किया। ईरान को अलग-थलग करने का अमेरिकी प्रयास, सोवियत संघ का विघटन के कारण अनेक मध्य एशियाई गणतंत्रों का उदय हुआ। अयोतुल्ला खेमानी जैसे इस्लामी कट्टरवादी नेता की मौत ने दोनों देशों के संबंधों का पुर्नमिलन करने में महती भूमिका निभाई।

पढ़ें: सांस्कृतिक संबंधों को पुनर्जीवित करेंगे भारत और ईरान

93 में नरसिंहम्हा राव ने किया ऐतिहासिक ईरान दौरा

1993 में तत्कालीन पीएम नरसिम्हा राव ने ईरान का ऐतिहासिक दौरा किया और वो ऐसे पहले पीएम थे जिन्होंने 1979 की ईस्लामी क्रांति के बाद ईरान का दौरा किया था। इसके बाद 1995 में ईरान के राष्ट्रपति अकबर हाशमी ने भारत का दौरान किया। इन दौरों से दोनों देशों के संबंधों में मजबूती आई। इन्हीं संबंधों को कायम रखने के लिए 2003 में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद खतामी भारत आए जिन्हें 2003 के गणतंत्र दिवस का मुख्य अतिथि बनाया गया और इससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत हुए।

भारत ने इंटरनेशनल अटॉमिक एनर्जी एजेंसी में किया था ईरान के खिलाफ वोट

भारत ने जब 2009 में इंटरनेशनल अटॉमिक एनर्जी एजेंसी में ईरान के खिलाफ वोट किया था तो इसे लेकर ईरान के लोगों के बीच काफी निराशा फैली थी। इसके बाद से अमेरिकी दबाव में भारत ईरान से तेल आयात लगातार कम करता गया। ऐसा माना जाता है कि ईरान के लोगों का लगता है कि भारत किसी भी कलह की स्थिति में ईरान का साथ नहीं दे सकता है क्योंकि वह अमेरिका से अपने संबंधों को बिगाड़ने का जोखिम नहीं उठा सकता है। लेकिन मोदी की यह यात्रा ईरानी लोगों के मन में एक नया विश्वास पैदा करेगी। मोदी सरकार ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में हिन्द महासागर के अपने पड़ोसी देशों के संबंधों पर खास ध्यान केंद्रित किया है।

पढ़ें: कच्चे तेल के लिए भारत ने पहली बार ईरान को किया यूरो में भुगतान

मध्य एशिया में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहता है भारत

वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य पर नजर डाली जाए तो इस्लामी जगत में अपनी स्थिति मजबूत करने, पाकिस्तान का प्रतिरोध करने और मध्य एशिया में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए भारत को आर्थिक, वाणिज्यिक संबंधों को और सुदढ़ करने की आवश्यकता है। भारत ईरान को एक प्रभावशाली इस्लामी राज्य मानता है और ईरान के साथ संबंध मजबूत कर वह पाकिस्तान के भारत विरोधी अभियान को मुंहतोड जवाब दे सकता है। गल्फ में ईरान रणनीतिक रूप से बेहद अहम देश है। वह भारत को अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया में वैकल्पिक व्यापारिक रास्ता प्रदान कर सकता है। ईरान के बाद भारत ही ऐसा देश है जहां दुनिया के सबसे ज्यादा शिया मुस्लिम रहते हैं।

पढ़ें- अपनी दो दिवसीय यात्रा पर आज तेहरान पहुंचेंगे PM मोदी

भारत चाबाहार पोर्ट को अफगानिस्तान के गेटवे के रूप में देख रहा है जिसके जरिए अफगानिस्तान आसानी से पहुंचा जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.