बजट सत्र के आखिरी सप्ताह में सुधारों पर आगे बढ़ेगी सरकार
लोकसभा से वित्त विधेयक पारित होने के बाद बजट सत्र में सदन के आखिरी सप्ताह का इस्तेमाल सरकार बकाया आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए कर सकती है।
नई दिल्ली, [नितिन प्रधान]। लोकसभा से वित्त विधेयक पारित होने के बाद बजट सत्र में सदन के आखिरी सप्ताह का इस्तेमाल सरकार बकाया आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए कर सकती है। जीएसटी और भूमि अधिग्रहण जैसे बड़े विधेयकों के साथ ही सरकार घरेलू व विदेश में काले धन के सृजन की रोकथाम वाले कानून बनाने की पहल भी कर सकती है।
बजट सत्र के पहले चरण में बीमा में एफडीआइ सीमा बढ़ाने जैसे अहम विधेयक पारित होने के बाद दूसरे सत्र में सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बजट को पारित कराने का काम पूरा किया है। लोकसभा सत्र अगले सप्ताह शुक्रवार यानी 8 मई को समाप्त हो रहा है।
इस अवधि में सरकार की मंशा कुछ अन्य अहम बिलों को पारित कराने की रहेगी। जीएसटी से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक वित्त मंत्री अरुण जेटली चर्चा के लिए लोस में प्रस्तुत कर चुके हैं। उम्मीद है कि मंगलवार को इसे चर्चा के बाद पारित कराया जाएगा।
सुधार की दिशा में अगले बड़े कदम के रूप में सरकार की कोशिश होगी कि इसी सत्र में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को पारित कराया जाए। हालांकि विपक्ष ने इस पर तीखे तेवर अपना रखे हैं और रायसभा के गणित को देखते हुए इसका उच सदन से पारित होना मुश्किल लग रहा है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि सरकार आर्थिक सुधारों पर आगे बढ़ने का संदेश देने के लिहाज से इसे लोकसभा में पेश अवश्य कर सकती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा, विदेश में काला धन रखने और संपत्ति का खुलासा करना अब जरुरी होगा। आयकर रिटर्न दाखिल करते वक्त विदेशी खातों और विदेशों में संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य बनाने वाला बिल सरकार अगले सप्ताह लोकसभा में पेश कर सकती है।
ऐसा कानून लाने की घोषणा वित्त मंत्री ने इसी साल के बजट में की थी। इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण कानून पाइपलाइन में है। हालांकि इसे अभी कैबिनेट से भी मंजूरी नहीं मिली है। लेकिन सरकार की कोशिश होगी कि बेनामी संपत्ति (ट्रांजैक्शन) विधेयक को लोकसभा में न सही रायसभा में ही पेश किया जाए। इससे घरेलू काले धन पर रोकथाम की कोशिशों में सरकार एक कदम और आगे बढ़ती दिखेगी।
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