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राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेताया, कहा- युद्ध हुआ तो पाक के दस टुकड़े होंगे

कठुआ में शहीदी दिवस के मौके पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय फौज जरूरत पड़ने पर पाकिस्‍तान में घुसकर अपने दुश्‍मन को खत्‍म करने की भी क्षमता रखती है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 11 Dec 2016 02:05 PM (IST)Updated: Sun, 11 Dec 2016 10:06 PM (IST)
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेताया, कहा- युद्ध हुआ तो पाक के दस टुकड़े होंगे

कठुआ, (जागरण संवाददाता)। पाकिस्तान याद रखे कि अगर इस बार युद्ध हुआ तो उसके 10 टुकड़े होंगे। चार युद्धों में उसने हमसे मुंह की खाई है। शायद वह भूल गया है कि 1971 के युद्ध के बाद उसके दो टुकड़े हुए।

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केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को जम्मू कश्मीर के कठुआ में शहीदों के सम्मान में हुए समारोह में पाकिस्तान को चेतावनी दी। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा भारत में छेड़े गए छद्म युद्ध पर चिंता जताते हुए कहा कि आतंकवाद के सहारे पड़ोसी मुल्क चाहता है कि वह जम्मू कश्मीर को भारत से अलग कर देगा तो यह भूल जाए। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि आतंकवाद बहादुर लोगों का हथियार नहीं हो सकता, यह कायरों का हथियार है।

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राजनाथ के मुताबिक भारत ने हमेशा पाकिस्तान के साथ दोस्ताना व्यवहार बनाने की कोशिश की, लेकिन उसने हमेशा हमारे प्रयासों को दूसरे तरीके से लिया। गृह मंत्री ने कहा हम इस हकीकत को समझते हैं कि पाकिस्तान हमारा पड़ोसी है। यह भी हकीकत है कि दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी कभी नहीं बदले जा सकते।

देश के जितने भी प्रधानमंत्री रहे हैं, सभी ने उनके साथ पड़ोसी देश जैसे संबंध बनाने के प्रयास किए। पाकिस्तान ने अटल बिहारी वाजपेयी की भाषा को भी नहीं समझा। गृह मंत्री ने भारत के सुरक्षा बलों की बहादुरी को नमन करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने चार युद्ध किए और हर बार उसके दांत खट्टे किए गए। 1999 में कारगिल युद्ध में उसने हार खाई। पाकिस्तान अब खुद भी समझ चुका है कि वह भारत से सीधे युद्ध नहीं कर सकता है। इसलिए उसने छद्म युद्ध का सहारा लिया है। वह समझता होगा कि महजब के नाम पर भारत को फिर से बांट देगा तो यह उसकी गलतफहमी है। एक बार 1947 में भारत का बंटवारा महजब से हुआ इसे हम भी मानते हैं।

दुनिया के सारे देश आइएसआइ को लेकर चिंतित हैं, लेकिन वह गृह मंत्री के नाते दावे से कह सकते हैं कि आइएसआइ भारत में अपनी जड़ें नहीं जमा पाया। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय वह भारत के मुसलमानों को देना चाहते हैं। हम इस हकीकत को समझते हैं कि पाकिस्तान हमारा पड़ोसी है, हम उससे संबंध बिगाड़ना नहीं बल्कि बनाना चाहते हैं। आज भी उसे भाई जैसा मानते हैं तभी हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया। उसके बाद अफगानिस्तान से लौटते समय उनके परिवार में जाकर पड़ोसी होने का फिर उदाहरण दिया। आखिर पाकिस्तान उनसे क्या चाहता है।

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