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जिंदगी के अंतिम पड़ाव में बेटों से हारी दंपति, जहर खा दी जान

मेहनत के पसीने से खेतों को सींचने वाले 90 साल के रोशन लाल की बूढ़ी आंखों को हर तरफ अंधेरा नजर आ रहा था। तीन बेटों की हिकारत शूल की तरह चुभती थी। हर सुबह नाश्ते के वक्त गालियां मिलती थीं और पीने को आंसू। 85 साल की पत्‍‌नी कटोरी देवी साथ थीं, मगर असहाय। खाना कभी किसी घर से मिल जाता था तो दोनों रोते हुए पेट भर लेते थे। सोमवार सुबह बुजुर्ग दंपति के साथ जो हुआ, वह सारी हदें लांघ गया। दोनों घर से निकल पड़े। गांव से निकलकर कस्बे म

By Edited By: Published: Tue, 26 Aug 2014 09:46 PM (IST)Updated: Wed, 27 Aug 2014 07:30 AM (IST)

अमांपुर-एटा [अखिलेश गुप्ता]। मेहनत के पसीने से खेतों को सींचने वाले 90 साल के रोशन लाल की बूढ़ी आंखों को हर तरफ अंधेरा नजर आ रहा था। तीन बेटों की हिकारत शूल की तरह चुभती थी। हर सुबह नाश्ते के वक्त गालियां मिलती थीं और पीने को आंसू। 85 साल की पत्‍‌नी कटोरी देवी साथ थीं, मगर असहाय। खाना कभी किसी घर से मिल जाता था तो दोनों रोते हुए पेट भर लेते थे। सोमवार सुबह बुजुर्ग दंपति के साथ जो हुआ, वह सारी हदें लांघ गया। दोनों घर से निकल पड़े। गांव से निकलकर कस्बे में पहुंचे तो कई घंटे सड़क किनारे जार-जार रोए। इसके बाद बेटों की बेरहमी से हमेशा के लिए बचने का फैसला ले लिया। अंटी से निकाली सल्फास की शीशी यह कहते हुए निगल लीं कि अगले जनम हमें पूत न दीजो।

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ये दर्दनाक दास्तां अमांपुर से छह किलोमीटर दूर गांव नगला देसी के रोशन लाल और कटोरी देवी की है। मंगलवार सुबह दोनों के शव अमापुर कस्बे में सड़क से थोड़ी दूर खाली पड़े प्लॉट में पड़े मिले। शव के पास सल्फास की शीशी पड़ी थी, जिसमें से छह गोलियां दोनों ने खाई थीं।

ग्रामीणों के मुताबिक रोशन लाल के तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा तेज सिंह सेना से रिटायर्ड है तो दो बेटे नेम सिंह और सुघड़ सिंह निजी फैक्ट्री में काम करते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक तीन बेटे तो थे, मगर खाना देने वाला कोई नहीं। लंबे समय से उन्हें खाना भी पड़ोसी ही दया कर दे जाते थे। सोमवार को घर में लड़ाई हुई, बुजुर्ग मां-बाप को दुत्कारा गया तो वे घर से निकल पड़े।

रोशन लाल जितने स्वाभिमानी थे उतनी ही कटोरी देवी। बुजुर्ग दंपति को गांव से जाते देख लोगों ने पूछा तो बताया कि वे कान का इलाज कराने जा रहे हैं। अमांपुर में सड़क किनारे बैठकर दोनों को रोते हुए लोगों ने देखा तो कारण पूछा, मगर दोनों आंसू पोंछकर आगे बढ़ जाते थे। आखिर में आत्महत्या का फैसला कर लिया।

बेटे से पूछताछ करेगी पुलिस

थाना प्रभारी अमांपुर सत्यदेव सिंह सिद्धू ने बताया कि बड़े बेटे को पोस्टमार्टम के बाद शव सौंप दिए हैं। बाकी बेटे दो नहीं पहुंचे। जांच की जा रही है। दंपति के बेटे तेज सिंह से पूछताछ की जाएगी।

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