अनुच्छेद 370 के साथ खिलवाड़ का सवाल ही नहीं : महबूबा मुफ्ती
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अनुच्छेद 370 के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। राज्य विधान परिषद में गुरुवार को नई औद्योगिक नीति में रियासती व गैर रियासती लोगों के अनुपात पर विपक्ष की ओर से दागे गए सवालों के सामने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने खुद मोर्चा संभाला।
महबूबा ने कहा कि अनुच्छेद 370 के साथ किसी तरह के खिलवाड़ का सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि 'किसी को संदेह नहीं होना चाहिए कि उद्योग नीति से जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को किसी प्रकार का खतरा है। किसी भी संदेह को दूर करने के लिए नीति की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है। अलबत्ता, नई नीति में हम बाहरी निवेशकों को आकर्षित करने के अलावा अपनी रियासत की पारंपरिक हस्तकला को जीवित रखने व उसके जरिए स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार की योजनाओं पर जोर देंगे।'
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परिषद में पहले उद्योग मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया और उनके बाद उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने, लेकिन वह भी सदस्यों को संतुष्ट नहीं कर पाए। सदन में स्थिति काफी तनावपूर्ण थी, क्योंकि साध्वी प्राची के मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस के वाकआउट करने के बाद भी हंगामा पूरी तरह शांत नहीं हुआ था। कांग्रेस के एमएलसी गुलाम नबी मोंगा ने कहा कि हम भी वाकआउट करते, लेकिन सवाल बहुत अहम है। उन्होंने कहा कि हमें बताया जाए कि नई औद्योगिक नीति में रियासती व गैर रियासती लोगों का क्या अनुपात रहेगा।
मामले को संभालते हुए मुख्यमंत्री महबूबा ने कहा कि अनुच्छे 370 और राज्य के विशेष दर्जे के साथ किसी को भी छेड़छाड की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नई उद्योग नीति 1975 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शेख मुहम्मद अब्दुल्ला द्वारा तैयार की गई उद्योग नीति के अनुसार है।
महबूबा ने कहा 'अनुच्छेद 370 हमारी मजबूती तथा हमारा सम्मान है। शाल, कालीन, पेपरमाशी, लकड़ी उकेरना तथा लद्दाखी हस्तकला जैसी ऐतिहासिक कलाओं में कौशल को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि राज्य की युवा पीढ़ी को इन उच्च मुल्यों वाली हस्तकला को उनके रोजगार का साधन बनाने के साथ राज्य के आर्थिक विकास में योगदान के लिए तैयार किया जा सके।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस माह की शुरुआत में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन की गवर्निंग बाडी की पहली बैठक में सभी प्रतिभागियों में सहमति बनी थी कि इस प्रयास को सफल बनाने के लिए कौशल विकास क्षेत्र तथा आवश्यकता आधारित होना चाहिए।
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