Move to Jagran APP

फाइल से खुलासा: प्लेन हादसे में नहीं हुई थी नेताजी की मौत!

फाइल नंबर 870/11/p/16/12 पोल के मुताबिक नेताजी ने 18 अगस्त 1945 के बाद रेडियो पर तीन शो किए।

By Atul GuptaEdited By: Published: Thu, 31 Mar 2016 03:29 PM (IST)Updated: Thu, 31 Mar 2016 10:40 PM (IST)

हैदराबाद। नेताजी से जुड़ी कई फाइलें सार्वजनिक हो चुकी हैं लेकिन अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि आखिरकार नेताजी की मौत कैसे हुई?

मंगलवार को भी मोदी सरकार ने नेताजी से जुड़ी कुछ फाइलों को सार्वजनिक किया जो नेताजी की मौत पर कई बड़े सवाल खड़े कर रही है। कहा जाता है कि नेताजी की मौत 18 अगस्त 1945 को ताईवान में एक प्लेन हादसे में हुई लेकिन फाइल नंबर 870/11/p/16/12 पोल के मुताबिक नेताजी ने 18 अगस्त 1945 के बाद रेडियो पर तीन शो किए।

फाइल से मिली जानकारी के मुताबिक बंगाल के गवर्नर की तरफ से ये जानकारी मुहैया कराई गई थी। फाइल में लिखा है कि पीसी कार जो उस समय अधिकारी रहे होंगे उन्होंने दावा किया है कि मोनेटरिंग सर्विस को 31 मीटर लंबी ब्राडकास्ट बैंड मिली है। कार ने गर्वरन आर जी कैसी को भी इस बारे में सूचना दी थी।

पहला प्रसारण 26 दिसंबर 1945

इस प्रसारण में कहा गया कि 'मैं इस समय विश्व की महान शक्तियों की शरण में हूं। मेरा हृद्य भारत के लिए जल रहा है। तीसरा विश्वयुद्ध की प्रबल संभावनाएं है और मैं भारत जाना चाहता हूं। तीसरा विश्वयुद्ध अगले दस सालों में होगा या शायद उससे भी पहले'

दूसरा प्रसारण 1 जनवरी 1946

'हमें अगले दो सालों में आजादी जरूर मिल जाएगी। ब्रिटिश साम्राज्यवाद अपने चरम पर है और उसे भारत को आजादी देनी ही होगी। भारत सिर्फ अहिंसा के मार्ग पर चलकर आजादी नहीं पा सकता। लेकिन मैं महात्मा गांधी की बहुत इज्जत करता हूं'

तीसरा प्रसारण फरवरी 1946

' मै सुभाष चंद्र बोस हूं जो जय हिंद बोल रहा हूं। जापान के आत्मसमर्पण के बाद ये तीसरी बार है जब मैं अपने भारतीय बहन भाईयों को संबोधित कर रहा हूं। इंग्लैंड के प्रधानमंत्री मिस्टर पैथिक लॉरैंस और दो अन्य सदस्यों को इस उद्देश्य के साथ भारत भेज रहे है ताकि वो हमेशा के लिए भारत का खून चूसने का स्थाई समाधान निकाल सकें।'

फाइल में ब्रिटिश सरकार के आखिरी वायरयार की उस डायरी का भी जिक्र किया गया है जिसके मुताबिक जब बोस प्लेन के जरिए बर्मा से उड़ान भरने की तैयारी कर रहे थे तभी चीन को जापान का एक मैसेज मिला था जिसमें नेताजी को बर्मा में ही रहने की सलाह दी गई थी जिसके बाद नेताजी थाईलैंड चले गए थे।

पढ़ें- नेताजी से जुड़ी 50 फाइलें केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा ने की जारी


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.