गठबंधन टूटने पर पीडीपी को समर्थन नहीं देगी नेकां
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव में हार के बाद पीडीपी को समर्थन के मुद्दे पर कहा है कि वे मुफ्ती मुहम्मद सईद को फैसले लेने में आजादी देना चाहते थे। नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष ने एक विशेष भेंट में पहली बार इस मुद्दे पर अपनी
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव में हार के बाद पीडीपी को समर्थन के मुद्दे पर कहा है कि वे मुफ्ती मुहम्मद सईद को फैसले लेने में आजादी देना चाहते थे। नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष ने एक विशेष भेंट में पहली बार इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।
उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी सईद को मुख्यमंत्री के तौर पर निर्णय लेने की पूरी आजादी देना चाहती थी। उनको लग रहा था कि भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी से हाथ मिलाने के बाद उनकी स्थिति एक लाचार मुख्यमंत्री की हो जाएगी। हालांकि, उन्होंने पीडीपी-भाजपा गठबंधन टूटने की स्थिति में पहले की तरह ही समर्थन की संभावना से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि समर्थन सिर्फ एक बार के लिए था। हम इसे फिर से नहीं दोहराएंगे। यदि यह गठबंधन सरकार काम नहीं कर पाती है, तो हम जनता के बीच जाएंगे।
उमर ने कहा कि समर्थन के पीछे कोई राजनीतिक कारण नहीं था। हम किसी अखिल भारतीय पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाने की मजबूरियों को अच्छी तरह से समझते थे। मैं खुद छह साल तक एक ऐसी पार्टी के साथ सरकार चला चुका था, जिसके लिए कश्मीरियों का हित सबसे बड़ा मुद्दा नहीं था। ऐसे में हमारे पास बहुत ज्यादा विकल्प नहीं था और हमने पीडीपी को समर्थन देने का फैसला कर लिया।
घाटी के हालात के बारे में पूछे जाने पर उमर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि लोगों में बहुत ज्यादा बेचैनी है। लेकिन जिस तरह बार-बार पाकिस्तानी झंडा लहराने की घटनाएं हो रही हैं, उससे स्थिति को सामान्य भी नहीं कहा जा सकता है।