यौन शोषण मामले में नारायण साई गिरफ्तार
कथावाचक आसाराम के बेटे नारायण साईं को आखिरकार बुधवार तड़के दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले से गिरफ्तार कर लिया। उसके साथ दो और लोग भी पकड़े गए हैं। नारायण साई पर सूरत की दो बहनों के यौन शोषण का आरोप है। गुजरात पुलिस ने नारायण को भगोड़ा घोषित कर उस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। उल्लेखनीय है कि आसाराम नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के आरोप में करीब तीन महीने से जोधपुर की जेल में बंद हैं।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। कथावाचक आसाराम के बेटे नारायण साईं (40) को 58 दिन चली लुकाछिपी के बाद आखिरकार बुधवार तड़के दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले से गिरफ्तार कर लिया। उसके साथ दो और लोग भी पकड़े गए हैं। नारायण साई पर सूरत की दो बहनों के यौन शोषण का आरोप है। गुजरात पुलिस ने नारायण को भगोड़ा घोषित कर उस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। उल्लेखनीय है कि आसाराम नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के आरोप में करीब तीन महीने से जोधपुर की जेल में बंद हैं।
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आसाराम के चर्चित बेटे नारायण साईं की सारी होशियारी तब धरी रह गई जब लाल रंग की पगड़ी में पहचान छिपाकर पंजाब के लुधियाना से आते वक्त उसे कुरुक्षेत्र के पास पीपली से गिरफ्तार किया गया। फोर्ड इको स्पोर्ट्स कार में नारायण साईं के साथ उसका सुरक्षा अधिकारी कौशल ठाकुर उर्फ हनुमान और ड्राइवर रमेश मल्होत्रा भी थे। हनुमान पर भी एक लाख रुपये का इनाम था। गिरफ्तारी के वक्त नारायण साईं के पास से पुलिस ने 2.61 लाख रुपये नकद और छह मोबाइल फोन बरामद किए जबकि हनुमान के पास 13,500 रुपये थे। उत्तर प्रदेश में पंजीकृत कार मेरठ के दीवान परिवार की है, जो कि आसाराम का भक्त है।
दिल्ली पुलिस ने नारायण साईं को अपराह्न में रोहिणी (दिल्ली) की अदालत में पेश किया जहां मौजूद गुजरात पुलिस की अर्जी पर उसे 24 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया गया। गुरुवार को गुजरात पुलिस नारायण को सूरत की अदालत में पेश करेगी। सूरत और अहमदाबाद के आश्रमों में रही दो बहनों ने सन 1997 से 2006 के बीच कई बार यौन शोषण करने का नारायण पर आरोप लगाया है।
लगातार स्थान बदल रहा था नारायण
नारायण साईं को गिरफ्तार करने वाली अपराध शाखा की टीम ने खुफिया सूचना के आधार पर लुधियाना में मंगलवार को छापा मारा था। पता चला कि वहां से नारायण साईं कुछ ही देर पहले निकल गया था। उसके बाद उसकी तलाश में राजपुर, जीरकपुर, चंडीगढ़, अंबाला और मेरठ में मौजूद टीमों को सक्रिय किया गया। इसी दौरान अंबाला की टीम को एनएच 1 पर तेज गति से जा रही फोर्ड कार दिखाई दी। उत्तर प्रदेश के नंबर वाली इस कार का पीछा किया गया और उसमें नारायण साईं की मौजूदगी निश्चित होने पर उसे पीपली के नजदीक रोका गया। कार में नारायण साईं, हनुमान और रमेश के अतिरिक्त नाबालिग रसोइया भी मिला। पूछताछ में पुलिस ने उसे किसी अपराध में लिप्त नहीं पाया, इसलिए उसे छोड़ दिया गया।
समर्थकों व विरोधियों में नारेबाजी
रोहिणी की अदालत में जिस समय नारायण साईं को पेशी के लिए लाया गया उस समय उसके समर्थकों और विरोधियों की खासी तादाद जमा हो गई। समर्थकों ने जहां साजिश का आरोप लगाते हुए नारायण साईं के रास्ते पर फूल बिछा दिए-वहीं विरोधी नारायण को दंडित करने के लिए नारेबाजी करने लगे। दोनों पक्षों में टकराव की आशंका देखते हुए वहां पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। उन्होंने स्थिति को काबू में किया।
पकड़ लिया तो क्या कर लिया
पकड़े जाने के कुछ ही देर बात नारायण साईं इत्मीनान में आ गया। पुलिस ने जब उससे कुछ पूछना चाहा-तो वह केवल मुस्कुराता रहा। कई बार पूछने के बाद बोला, चलो जी हम ही नारायण साईं हैं। पकड़ लिया तो क्या कर लिया। नारायण का यह इत्मीनान रोहिणी कोर्ट परिसर में भी दिखाई दिया। जहां वह मुस्कुराता हुआ अपने समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन करता रहा और उन्हें निश्चिंत रहने का इशारा करता रहा।
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