'लव जेहाद' जुमले पर रोक लगाए सरकार
'लव जेहाद' जुमले पर उठे सियासी बवाल में मुस्लिम धर्मगुरु भी कूद पड़े हैं। एक दर्जन उलमा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से मिलकर कहा कि 'जेहाद' पाक शब्द है। इसका इस्तेमाल सियासी लाभ के लिए किए जाने से जज्बात को चोट पहुंच रही है। लिहाजा इस जुमले पर सख्ती से रोक लगाया जाए। भाजपा के कुछ नेताओं ने पहले लव जेहाद को यूपी में सिया
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। 'लव जेहाद' जुमले पर उठे सियासी बवाल में मुस्लिम धर्मगुरु भी कूद पड़े हैं। एक दर्जन उलमा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से मिलकर कहा कि 'जेहाद' पाक शब्द है। इसका इस्तेमाल सियासी लाभ के लिए किए जाने से जज्बात को चोट पहुंच रही है। लिहाजा इस जुमले पर सख्ती से रोक लगाया जाए।
भाजपा के कुछ नेताओं ने पहले लव जेहाद को यूपी में सियासी मुद्दा बनाने का जिक्र किया था। उनके इस जुमले को लेकर सियासी बावेला चल रहा है। आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच नायाब इमाम ईदगाह खालिद रशीद फरंगी महली, नदवतुल उलूम के प्राचार्य डा.सईदर्रहमान, मौलाना इकबाल कादरी, दरगाह दादा मियां के सज्जादा नशीन फरहत मियां, शेख राशिद मीनाई समेत एक दर्जन उलमा ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। इसमें पिछले वर्षो में हुए सांप्रदायिक फसाद की जांच के लिए उच्च स्तरीय आयोग बनाने, दंगा पीड़ितों के आर्थिक नुकसान की भरपाई करने, फसाद वाले जिलों के बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और राज्य में अमन चैन कायम रखने के लिए भाईचारा जलसे आयोजित कराने की मांग की गई है।
मौलानाओं ने बताया कि मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि अमन कायम रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों से सरकार सख्ती से निपटेगी और फसाद के आरोपों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के समय राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त मौलाना तौकीर रजा ने भी दंगों की जांच के लिए विशेष आयोग गठित करने की मांग उठाई थी।