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गठबंधन बचाने में जुटीं भाजपा-शिवसेना

शिवसेना-भाजपा ने 25 साल से चले रहे गठबंधन को 15 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी बनाए रखने का का प्रयास शुरू कर दिया है। दोनों दलों के बीच शुक्रवार को दिन भर उहापोह की स्थिति रही लेकिन रात में सीट बंटवारे को लेकर शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के पुत्र युवा सेना के प्रमुख आदित्य ठाकरे और विधानसभा में शिवसेना के नेता सुभाष देसाई एवं भाजपा के चुनाव प्रभारी ओम माथुर के बीच फिर बात हुई। रात में हुई बातचीत के बावजूद सीटों को लेकर तनातनी पहले की तरह ही बनी रही। गतिरोध खत्म करने के लिए भाजपा शिवसेना को एक नया प्रस्ताव भेजेगी और हर सीट पर चर्चा करना चाहेगी।

By Edited By: Published: Fri, 19 Sep 2014 08:24 AM (IST)Updated: Sat, 20 Sep 2014 12:50 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, मुंबई। शिवसेना-भाजपा ने 25 साल से चले रहे गठबंधन को 15 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी बनाए रखने का का प्रयास शुरू कर दिया है। दोनों दलों के बीच शुक्रवार को दिन भर उहापोह की स्थिति रही लेकिन रात में सीट बंटवारे को लेकर शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के पुत्र युवा सेना के प्रमुख आदित्य ठाकरे और विधानसभा में शिवसेना के नेता सुभाष देसाई एवं भाजपा के चुनाव प्रभारी ओम माथुर के बीच फिर बात हुई। रात में हुई बातचीत के बावजूद सीटों को लेकर तनातनी पहले की तरह ही बनी रही। गतिरोध खत्म करने के लिए भाजपा शिवसेना को एक नया प्रस्ताव भेजेगी और हर सीट पर चर्चा करना चाहेगी।

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इस बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस बातचीत से खुद को फिलहाल अलग कर लिया है और इसकी कमान अपने बेटे आदित्य ठाकरे को सौंप दी है। उद्धव ने कहा कि उनकी पार्टी ने सीटों के बंटवारे पर अपना प्रस्ताव भाजपा को सौंप दिया है और अब उस पर भाजपा की ओर से जवाब का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों के लिए कुल 119 सीटें छोड़ने पर अड़ी शिवसेना अब भाजपा द्वारा पेश नए फार्मूले पर चर्चा करने के लिए राजी हो गई है। भाजपा का कहना है कि पिछले 25 साल के गठबंधन के दौरान जिन 59 सीटों पर शिवसेना और 19 सीटों पर भाजपा कभी नहीं जीती, उनपर अदला-बदली या साथी दल को अधिक सीटें देने पर विचार होना चाहिए।

भाजपा को भरोसा है कि यदि शिवसेना अपनी कभी न जीती सीटों में से कुछ सीटें भाजपा के लिए छोड़े तो वह वहां जीत हासिल कर सकती है। भाजपा के इस प्रस्ताव पर शुक्रवार की शाम भाजपा के चुनाव प्रभारी ओम माथुर एवं शिवसेना की ओर वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई एवं उद्धव ठाकरे के पुत्रआदित्य ठाकरे के बीच करीब डेढ़ घंटे चर्चा हुई। चर्चा के बाद सुभाष देसाई ने पत्रकारों को बताया कि पहले से चल रही बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। सीटों के फार्मूले पर अगली बातचीत उद्धव ठाकरे और ओम माथुर के बीच होनी है। देसाई ने भरोसा जताया कि सीट बंटवारे का मसला एक-दो दिन में सुलझा लिया जाएगा।

इससे पहले सीट बंटवारे पर शिवसेना के अड़ियल रुख को देखतेहुए शुक्रवार को भाजपा नेताओं ने भी कड़ा रुख अख्तियार किया। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं सुधीर मुनगंटीवार एवं एकनाथ खडसे ने शिवसेना को याद दिलाया कि गठबंधन कायम रखने के लिए भाजपा हमेशा लचीला रुख अपनाती रही है। यहां तक कि शिवसेना द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिए शरद पवार का समर्थन करने एवं राष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल का समर्थन करने के समय भी भाजपा ने संयम से काम लिया और गठबंधन कायम रखा। खडसे के अनुसार 25 साल पहले गठबंधन बनते समय लोकसभा चुनावों में भाजपा के 32 एवं शिवसेना के 16 सीटों पर लड़ने का फार्मूला तय हुआ था लेकिन अब भाजपा घटकर 26 एवं शिवसेना बढ़कर 22 पर पहुंच गई ।

भाजपा नेताओं का मानना है कि इसी प्रकार विधानसभा चुनावों में अब शिवसेना को उदारता का परिचय देना चाहिए।

शुक्रवार की शाम हुई बैठक में आदित्य ठाकरे ने भी गठबंधन कायम रहने की उम्मीद जताते हुए कहा कि 25 साल पहले हमारे दादा बालासाहब ठाकरे एवं प्रमोद महाजन काका ने जो गठबंधन बनाया था वह अब तीसरी पीढ़ी में भी कायम रहेगा। मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस सवाल का जवाब देते हुए आदित्य ने कहा कि शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरेजी का नाम घोषित कर चुकी है।

दोनों पक्षों को अपने-अपने हित की बात करने का अधिकार है, लेकिन उससे भी आगे हमें महाराष्ट्र के हित के बारे में सोचना है। शिवसेना-भाजपा में चल रहे तनाव से इस गठबंधन में जुड़े छोटे दल भी चिंतित दिखाई दिए। इन दलों की ओर से भी अपील की गई कि भले ही उन्हें सीटें कम दी जाएं, लेकिन गठबंधन कायम रखा जाए ताकि राज्य में कांग्रेस-राकांपा को हराया जा सके।

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