महागठबंधन में महाभारत: जानिए, कैसे बीते तल्खियों के वो 11 दिन
पिछले 11 दिनों तक महागठबंधन में चला आ रहा महाभारत थमता नजर आ रहा है। इससे पहले राजद-जदयू के प्रवक्ता व नेता बयानबाजी में सारी हद तोड़ते नजर आये।
पटना [एसए शाद]। बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन का महाभारत अभी थमता नजर आ रहा है। सीएम नीतीश से डिप्टी सीएम तेजस्वी की मुलाकात के बाद सियासी बवाल फिलहाल शांत हो जाने का दावा किया जा रहा है। इसके पहले राजद-जदयू के प्रवक्ता व नेता बयानबाजी में सारी हदें तोड़ते नजर आए थे।
पिछले 11 दिनों तक बनी रही इस तल्खी के दौर में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जदयू के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी, राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा जैसे कुछ ही नेता दिखे जिन्होंने संयम बनाए रखा। जबकि अधिकांश नेताओं और प्रवक्ताओं में आक्रमकता दिखाने की होड़ लगी थी।
मनोज झा ने तो बहुत मजबूती से लालू प्रसाद एवं तेजस्वी यादव का बचाव किया, फिर भी ऐसी किसी बात से परहेज किया जो जदयू नेतृत्व या महागठबंधन के हित के खिलाफ हो। वहीं, केसी त्यागी भी बहुत संतुलित रहे और यह स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या चाहते हैं? उनके मुताबिक, मुख्यमंत्री को अपनी कैबिनेट के किसी भी सदस्य से स्पष्टीकरण मांगने का पूरा हक है।
उनके इस बयान के दूसरे ही दिन तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से मिलकर उनके समक्ष अपना पक्ष रखा। बीच में स्थिति उस समय गंभीर हो गई थी जब 11 जुलाई को जदयू विधायक दल की बैठक से ठीक पूर्व जदयू के राष्ट्रीय स्तर के एक पदाधिकारी ने अपने बयान से यह संकेत दिया कि महागठबंधन बस अब टूटने ही वाला है।
उसी बैठक में जदयू के वरिष्ठ नेता बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा था कि जब महागठबंधन बना था, उस समय भी लालू प्रसाद सजायाफ्ता थे। तेजस्वी को लेकर कोई भी फैसला सोच समझ कर लेना चाहिए। उनका यह बयान टर्निंग प्वाइंट माना जा रहा है।
इस बैठक पर भाजपा पूरी नजर बनाए थी और ताजा जानकारी से खुद को अपडेट कर रही थी, परन्तु यह भी सही है कि भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी इस झगड़े से भाजपा को अलग दिखाने में कामयाब रहे। उन्होंने तो अपने एक बयान में सीबीआइ की कार्रवाई के लिए नीतीश कुमार को ही धन्यवाद दिया।
यह भी पढ़ें: 'बिहार में कानून-व्यवस्था का बुरा हाल, नीतीश-लालू खेमों में बंटी पुलिस'
प्रवक्ताओं की आक्रमकता की बात करें तो जदयू के एक प्रवक्ता ने तो अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी पर पलटवार किया। चौधरी ने महागठबंधन में सुलह की वकालत की थी।
जदयू के एक अन्य प्रवक्ता डा. अजय आलोक ने तो बुधवार को भी राजद के प्रति अपना कड़ा रुख जारी रखा। राजद नेत्री अजेया देवी ने उनका यह कह जवाब दिया-'खोदा पहाड़ निकली चुहिया।'
यह भी पढ़ें: महागठबंधन में तकरार: सोनिया गांधी की पहल से टला बिहार का सियासी संकट