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केजरीवाल के सामने जीरो हैं मोदी

लक्ष्मी नगर के विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर तानाशाह होने का आरोप लगाया। बाद में उन्होंने पार्टी में पारदर्शिता न बरतने का भी आरोप जड़ा। इन मुद्दों पर उन्हीं के पुराने साथी क्या सोचते हैं, यह जानने के लिए वरिष्ठ संवाददाता संतोष शर्मा ने दिल्ली कैंट से आप के विधायक कमांडो सुरेंद

By Edited By: Published: Tue, 28 Jan 2014 09:09 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2014 10:32 AM (IST)

लक्ष्मी नगर के विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर तानाशाह होने का आरोप लगाया। बाद में उन्होंने पार्टी में पारदर्शिता न बरतने का भी आरोप जड़ा। इन मुद्दों पर उन्हीं के पुराने साथी क्या सोचते हैं, यह जानने के लिए वरिष्ठ संवाददाता संतोष शर्मा ने दिल्ली कैंट से आप के विधायक कमांडो सुरेंद्र सिंह से बात की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश।

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पार्टी में वास्तव में पारदर्शिता नहीं है?

ऐसा नहीं है। आम आदमी पार्टी में पूरी पारदर्शिता है। अरविंद केजरीवाल और हम सब आम आदमी की लड़ाई लड़ रहे हैं। विनोद कुमार बिन्नी को बरगलाया गया है। वे झूठ बोल रहे हैं। पार्टी ने उनके साथ जो भी किया वे उसका समर्थन करते हैं। पार्टी की नीतियों के विरुद्ध काम करने वाले का यही हश्र होना चाहिए।

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दिल्ली में आप की सरकार बने एक महीना होने को हैं, क्या आप लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरे?

इतने कम दिनों में सरकार ने अपनी प्राथमिकता के अनुसार बिजली-पानी सहित महत्वपूर्ण 14 मसलों को निबटा लिया है। अन्य चीजों पर कार्रवाई चल रही है। 65 वर्ष से गड़बड़ाई व्यवस्था एकदम से ठीक नहीं होगी। थोड़ा समय लगेगा। धीरे-धीरे सारी समस्याएं सुलझा ली जाएंगी। जहां तक लोगों की अपेक्षा का सवाल है तो आम आदमी पार्टी से उनका लगाव लगातार बना हुआ। बड़ी संख्या में लोग उनसे जुड़ रहे हैं। जनसभाओं में भारी भीड़ उमड़ रही है। लोग भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं।

गत दिनों संवैधानिक पद पर होते हुए अरविंद केजरीवाल ने धरना दिया, कई लोगों को यह पसंद नहीं आया?

विरोधी पार्टियों का ऐसा आरोप लगाना लाजिमी है, लेकिन यही तरीका था सरकार को जगाने का। इसमें हमें सफलता भी मिली। कार्रवाई नहीं करने पर अड़ी पुलिस को झुकना पड़ा और उपराज्यपाल के आदेश पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। यदि व्यवस्थाएं ठीक होरीं तो मुख्यमंत्री को धरना देने पर मजबूर ही नहीं होना पड़ता।

नरेंद्र मोदी और केजरीवाल में तुलना शुरू हो गई है?

अरविंद केजरीवाल से नरेंद्र मोदी की कोई तुलना नहीं की जा सकती। नरेंद्र मोदी अरविंद केजरीवाल के सामने जीरो हैं। केजरीवाल ने अच्छी नौकरी और आराम की जिंदगी सिर्फ इसलिए त्याग दी, ताकि देश से भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके और व्यवस्था में सुधार हो। दिल्ली विधानसभा में जीत के बाद पूरे देश में लोगों के बीच उम्मीद की किरण जगी है। उन्हें बेहतर कल दिख रहा है। हम लोगों की अपेक्षा पर खरे उतरने के लिए ईमानदारी से लगे हुए हैं।

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