केजरीवाल सरकार का पहला महीना पूरा, पेश है रिपोर्ट कार्ड
आम आदमी पार्टी (आप) की बैठकों में कवि दुष्यंत कुमार की ये पंक्तियां खूब दोहराई जाती हैं-'सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।' यह और बात है कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार बनने के बाद से दिल्ली की सूरत में तो कोई बदलाव नहीं दिख रहा, अलबत्ता यहां हंगामा रोज की बात जरूर हो गई। इन हंगामों में खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल से लेकर उनकी सरकार के मंत्री तक शामिल रहे हैं।
नई दिल्ली, अजय पांडेय। आम आदमी पार्टी की बैठकों में कवि दुष्यंत कुमार की ये पंक्तियां खूब दोहराई जाती हैं-'सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।' यह और बात है कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार बनने के बाद से दिल्ली की सूरत में तो कोई बदलाव नहीं दिख रहा, अलबत्ता यहां हंगामा रोज की बात जरूर हो गई। इन हंगामों में खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल से लेकर उनकी सरकार के मंत्री तक शामिल रहे हैं।
सूबे में आप की अगुवाई में बनी सरकार को एक महीना पूरा हो गया है। कोई बहुत ज्यादा वक्त नहीं बीता है, लिहाजा मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी सरकार के मंत्रियों का यह कहना लाजिमी है कि उन्हें जनता से किए अपने वायदे पूरे करने के लिए पूरा समय चाहिए। उनका यह भी कहना है कि चुनावी घोषणापत्र में किए गए वायदे पूरे पांच साल में पूरे किए जाने हैं। परंतु आप की सरकार बनने के पहले महीने में ही जितने विवाद सामने आ गए हैं और सरकार की कार्यशैली पर जिस प्रकार से सवालिया निशान लगने लगे हैं, इसे लेकर दिल्ली सरकार जरूर कठघरे में है।
सियासी पंडितों के बीच चर्चा है कि बिजली के दाम आधा करने व मुफ्त पानी मुहैया कराने के अपने चुनावी वायदे पूरे करने में केजरीवाल सरकार कुछ हद तक सफल रही है। सरकार जन लोकपाल बिल लाने की भी तैयारी कर रही है। लेकिन कानून मंत्री सोमनाथ भारती पर जिस प्रकार कानून अपने हाथ में लेने का आरोप लगा और इस मसले पर जिस तरह खुद मुख्यमंत्री धरने पर बैठे, उसे लेकर पूरे शहर में हंगामा मचा रहा। सरकार की आलोचना कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि बिजली के दाम कम करने के लिए सब्सिडी का सहारा लिया जाना बिल्कुल गलत है। इस सब्सिडी का फायदा भी पूरे शहर को नहीं मिलने वाला। इसी प्रकार सरकार ने प्रति परिवार प्रतिदिन 666 लीटर पानी मुफ्त देने की घोषणा तो कर दी लेकिन इससे सात-आठ लाख उपभोक्ताओं को ही फायदा मिल रहा है। लाखों अन्य लोग अब भी टकटकी लगाए सरकार की ओर देख रहे हैं। विपक्षी नेताओं के मुताबिक, एक महीने के भीतर आप सरकार ने दिल्ली के विकास से संबंधित एक भी योजना शुरू नहीं की है, जो इसकी सबसे बड़ी विफलता है।
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