देश के 91 महत्वपूर्ण जलाशयों में बचा है सिर्फ 15 फीसदी पानी
देश के महत्वपूर्ण जलाशयों में सिर्फ 15 फीसदी पानी बचा है ऐसे में मॉनसून में देरी से स्थिति और बिगड़ सकती है।
नई दिल्ली। धीमी गति से आ रहे मॉनसून के चलते पानी का भारी संकट खड़ा हो सकता है। आज हालत ये हो गई है कि देश के महत्वपूर्ण 91 जलाशयों में पानी की उपलब्धता घटकर सिर्फ 15 फीसदी पर जा पहुंचा है। इसके चलते ना सिर्फ शुरूआती खरीफ फसलों की बुवाई पर असर पड़ रहा है बल्कि पीने के पानी की उपलब्धता को भी प्रभावित किया है।
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हालांकि, खरीफ फसलों की बीजाई पर्याप्त मात्रा में तभी हो पाएगी जब देश भर में बारिश होगी क्योंकि पानी की कमी के चलते चावल, दाल, तेल और अन्य फसलों की बीजाई बेहद कम हुई है। हालात ये है कि खरीफ फसल पिछली बार की तुलना में इस बार 10 फीसदी कम क्षेत्र में लगायी गई है। जबकि, देश के महत्वपूर्ण जलाशयों में पानी का स्तर 26 मई को जहां 26.81 बिलियन क्यूबिक मीटर था तो वहीं अब ये घटकर 16 जून तक 23.78 पर जा पहुंचा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, एक तरफ जहां महत्वपूर्ण जलाशयों में पानी का स्तर पहले ही चिंताजन स्थित में पहुंच चुका है ऐसे में अगर अगले चार-पांच दिनों तक मॉनसून रफ्तार नहीं पकड़ता है तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
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इससे सबसे ज्यादा दक्षिण भारत के जलाशय प्रभावित हैं। केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने शुक्रवार को जो आंकड़े जारी किए उसके मुताबिक दक्षिण भारत के 31 जलाशयों में 16 जून तक सिर्फ 4.86 बीसीएएम पानी की उपलब्धता थी यानि उसकी क्षमता का सिर्फ 9 फीसदी। इसके मुकाबले में उत्तर भारत की स्थिति कहीं बेहतर है जहां पर छह महत्वपूर्ण जलाशयों में पानी की क्षमता करीब 23 के आसपास है। सीडबल्यूसी के मुताबिक, 91 बड़े जलाशयों में से 27 पश्चिमी भारत में, 15 पूर्वी भारत में और 12 जलाशय मध्य भारत में है।