धीमी गति से बढ़ रहा मानसून, 22 फीसदी कम हुई है बारिश
देश के अन्य हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हुयी है, जबकि दक्षिणी प्रायदीप में 27 फीसदी अधिक वर्षा हुई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। दक्षिण पश्चिम मानसून की धीमी गति के कारण पिछले पखवारे 22 फीसदी कम वर्षा दर्ज की गई। केवल दक्षिणी प्रायद्वीप में 27 फीसदी अधिक वर्षा हुई है जबकि देश के अन्य हिस्सों में सामान्य से बहुत नीचे है।
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में ठहरा हुआ है मानसून
भारत मौसम विभाग ने बुधवार को बताया है कि आगे बढ़ने के लिए परिस्थिति अनुकूल नहीं होने से मानसून अभी कर्नाटक के करवार और गडग में और आंध्र प्रदेश के अंगोल में ठहरा हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक, एक से 15 जून तक देश में 43.6 एमएम वर्षा दर्ज हुई जबकि सामान्य स्तर पर 55.7 एमएम वर्षा होनी चाहिए थी। पूर्वी और उत्तर पूर्वी हिस्से में 90.4 एमएम वर्षा हुई है। सामान्य स्तर पर 138.7 एमएम वर्षा होनी चाहिए थी। देश के उत्तर पश्चिमी हिस्से में केवल 13.6 एमएम वर्षा हुई है। यहां सामान्य से 36 फीसदी कम वर्षा दर्ज की गई है।
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इसी तरह मध्य भारत में 27.3 एमएम वर्षा दर्ज की गई, जबकि सामान्य स्तर पर 43.5 एमएम वर्षा होनी चाहिए थी। इस दृष्टि से मध्य भारत में 37 फीसदी कम बारिश हुई है। इस वर्ष मानसून सात दिनों की देरी से पहुंचा है। इसके आगमन की सामान्य तारीख एक जून है। तेजी से आगे बढ़ने की परिस्थितियां अनुकूल नहीं होने से उत्तरी और मध्य भारत में भी इसका देरी से पहुंचना तय है। मुंबई में सामान्य तौर पर 10 जून को और दिल्ली में यह एक जुलाई को दस्तक देता है।
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इस बीच दक्षिण पश्चिम मानसून बंगाल की खाड़ी और पश्चिम बंगाल के उप-हिमालयी क्षेत्र के कुछ हिस्सों एवं सिक्किम में मंगलवार से सक्रिय है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले चार पांच दिनों में स्थितियां अनुकूल होने की उम्मीद है।