Move to Jagran APP

गुमनाम जिंदगी से लेकर सत्ता के शिखर तक मोदी, जानें खास बातें

मोदी सरकार ने आज सत्ता के सिंहासन पर एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। एक चाय बेचने वाले कभी देश का पीएम भी बनेगा ये किसी ने सोचा नहीं था। मोदी सरकार के एक साल पूरा करने पर जाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ीं खास बातें।

By Sumit KumarEdited By: Published: Tue, 26 May 2015 11:10 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2015 11:29 AM (IST)
गुमनाम जिंदगी से लेकर सत्ता के शिखर तक मोदी, जानें खास बातें

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने आज सत्ता के सिंहासन पर एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। अच्छे दिनों का सपना दिखाकर भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की और 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पदभार संभाला।

loksabha election banner

उत्तर गुजरात के महेसाणा जिले में स्थित एक छोटे से गांव वडनगर में सितंबर, 1950 को नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ। एक चाय बेचने वाले कभी देश का पीएम भी बनेगा ये किसी ने सोचा नहीं था। मोदी सरकार के एक साल पूरा करने पर जाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ीं खास बातें।

नरेंद्र मोदी का राजनीतिक जीवन
बचपन से ही उनका संघ की तरफ खासा झुकाव था और गुजरात में आरएसएस का मजबूत आधार भी था। वे 1967 में 17 साल की उम्र में अहमदाबाद पहुंचे और उसी साल उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ली। इसके बाद 1974 में वे नव निर्माण आंदोलन में शामिल हुए। इस तरह सक्रिय राजनीति में आने से पहले मोदी कई वर्षों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे।

देखें - एक साल की मोदी सरकार, जनता ने पेश किया रिपोर्ट कार्ड

1987 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर उन्होंने राजनीति की मुख्य धारा में प्रवेश किया। एक वर्ष के भीतर ही उन्हें पार्टी की गुजरात इकाई का महामंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने सच्चे अर्थों में पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के चुनौतीपूर्ण कार्य संभाला, जिसकी वजह से पार्टी को राजनीतिक लाभ मिलना शुरू हो गया और अप्रैल, 1990 में केन्द्र में गठबंधन सरकार अस्तित्व में आई। यह राजनीतिक गठबंधन कुछ महीनों के अंतराल के बाद टूट गया।

आरएसएस एस में मोदी के कार्य
1958 में दीपावली के दिन गुजरात आरएसएस के पहले प्रांत प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार उर्फ वकील साहब ने नरेंद्र मोदी को बाल स्वयंसेवक की शपथ दिलवाई।। मोदी आरएसएस की शाखाओं में जाने लगे। बाद में उनको प्रचारकों के लिए चाय-नाश्ता बनाने का काम मिला। गुजरात आरएसएस के दफ्तर हेडगेवार भवन में सुबह नरेंद्र मोदी प्रचारकों के लिए चाय नाश्ता बनाते थे। इसके बाद हेडगेवार भवन के सारे कमरों की सफाई में जुट जाते थे।

यह भी पढ़ें - सरकार का एक साल पूरा, पीएम ने जनता को लिखी खुली चिट्ठी

नरेंद्र मोदी बहुत मेहनती कार्यकर्ता थे। आरएसएस के बड़े शिविरों के आयोजन में वो अपने मैनेजमेंट का कमाल भी दिखाते थे। आरएसएस नेताओं का ट्रेन और बस में रिजर्वेशन का जिम्मा उन्हीं के पास होता था। इतना ही नहीं गुजरात के हेडगेवार भवन में आने वाली हर चिट्ठी को खोलने का काम भी नरेंद्र मोदी को ही करना होता था।

नरेंद्र मोदी का मैनेजमेंट और उनके काम करने के तरीके को देखने के बाद आरएसएस में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने का फैसला लिया गया। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय कार्यालय नागपुर में एक महीने के विशेष ट्रेनिंग कैंप में बुलाया गया। आरएसएस के नागपुर मुख्यालय में ट्रेनिंग लेकर नरेंद्र मोदी गुजरात आरएसएस प्रचारक बनकर लौटे।

1990 में मोदी को मिली दो बड़ी जिम्मेदारी
मोदी को दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय घटनाओं के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई। एक, श्री लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या तक की लंबी रथयात्रा (1990) और दूसरी, देश के दक्षिणी छोर पर स्थित कन्याकुमारी से उत्तर में कश्मीर तक मुरली मनोहर जोशी की यात्रा।

यह भी पढ़ें - पीएम नरेंद्र मोदी ने सुनी एक पिता के ‘मन की बात’

1995 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया और देश के पांच महत्वपूर्ण राज्यों की जिम्मेवारी सौंपी गई, जो किसी भी युवा नेता के लिए बड़ी उपलब्धि की बात थी। 1998 में उन्हें महासचिव (संगठन) के पद पर पदोन्नत किया गया।

2001 में पहली बार संभाली गुजरात की सत्ता
अक्टूबर, 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने कार्यभार संभाला। 7 अक्टूबर, 2001 को जब मोदी ने शपथ ग्रहण की, तब गुजरात जनवरी, 2001 में आए विनाशक भूकंप सहित अन्य कई प्राकृतिक आपदाओं के विपरीत प्रभावों से गुजर रहा था। मोदी ने प्रतिकूल परिस्थितयों को किस तरह सर्वांगी विकास के अवसरों में तब्दील कर दिया, भुज शहर उसका जीता-जागता सबूत है।

गुजरात में मोदी के एक साल के कार्यकाल के बाद दिसम्बर 2002 में हुए आम चुनावों में भाजपा ने भव्य जीत हासिल की और मोदी सरकार 182 सीटों वाली विधानसभा में 128 सीटें जीतकर भारी बहुमत के साथ चुन ली गई। 2007 के चुनावों में भी फिर से एक बार मोदी के नेतृत्व में भाजपा को भारी बहुमत मिला।

2012 के विधानसभा चुनाव में फिर से एक बार मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने भारी बहुमत प्राप्त किया। भाजपा को 115 सीटें मिली और 26 दिसम्बर 2012 को मोदी ने लगातार चौथी बार गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।

केंद्र की सत्ता में आने की शुरुआत
भारतीय जनता पार्टी ने सितंबर 2013 में नरेंद्र मोदी को 2014 में होने वाले आम चुनाव के प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया। इसके बाद भाजपा में कई विरोध की आवाज भी उठीं, लेकिन वो बिना इस सारी बातों की परवाह किए आगे बढ़ते गए। कुछ दिन बाद मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया गया।

भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने पूरे भारत का भ्रमण किया। देश में 437 बड़ी चुनावी रैलियां समेत कुल 5827 कार्यक्रम किए। नरेंद्र मोदी ने देश में इतनी सभाएं कर एक रिकॉर्ड बना दिया। अंत में उनकी मेहनत रंग लाई और पार्टी ने 2014 के चुनावों में अभूतपूर्व सफलता भी प्राप्त की। चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) 336 सीटें जीतकर सबसे बड़े संसदीय दल के रूप में उभरा और अकेले भारतीय जनता पार्टी ने 282 सीटों पर विजय प्राप्त की।

देश के 15वें प्रधानमंत्री बने मोदी
20 मई 2014 को संसद भवन में बैठक में नरेद्र मोदी को सर्वसम्मति से भाजपा संसदीय दल और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नेता चुना गया। नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति से मिलने राष्ट्रपति भवन गये। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनका स्वागत किया और भारी बहुमत से विजयी होने की बधाई भी दी। इसके बाद नरेंद्र मोदी ने 26 मई, 2014 को देश के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

यह भी पढ़ें - एक साल में पीएम मोदी ने हर 7वां दिन विदेश में बिताया

नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व
नरेंद्र मोदी की छवि एक कठोर प्रशासक और कड़े अनुशासन के आग्रही की मानी जाती है, लेकिन साथ ही अपने भीतर वे मृदुता एवं सामर्थ्य की अपार क्षमता भी संजोये हुए हैं। मोदी को शिक्षा-व्यवस्था में पूरा विश्वास है। एक ऐसी शिक्षा-व्यवस्था जो मनुष्य के आंतरिक विकास और उन्नति का माध्यम बने एवं समाज को अंधेरे, मायूसी और गरीबी के विषचक्र से मुक्ति दिलाए।

मोदी को नई टेक्नोलॉजी में बहुत ही ज्यादा दिलचस्पी है और हमेशा वो नई तकनीक का इस्तेमाल करते रहते हैं। उन्होंने गुजरात को ई-गवर्न्ड राज्य बना दिया है और प्रौद्योगिकी के कई नवोन्मेषी प्रयोग सुनिश्चित किये हैं। केंद्र की सत्ता में आने के बाद भी उन्होंने ऑनलाइन सेवाओं पर जोर दिया।

नरेंद्र मोदी यथार्थवादी होने के साथ ही आदर्शवादी भी हैं। उनमें आशावाद कूटकूट कर भरा है। उनकी हमेशा एक उदात्त धारणा रही है कि असफलता नहीं, बल्कि उदेश्य का अनुदात्त होना अपराध है। वे मानते हैं कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के लिए स्पष्ट दृष्टि, उद्देश्य या लक्ष्य का परिज्ञान और कठोर अध्यवसाय अत्यंत ही आवश्यक गुण हैं।

पिता के साथ रेलवे स्टेशन पर बेचते थे चाय
मोदी अपने पिता दामोदर दास की मदद के लिए छह साल की उम्र में गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे। इस उम्र में बाप-बेटे में काम का साफ विभाजन था। मोदी के पिता चाय बनाते थे और मोदी किसी भी ट्रेन के आने पर केतली में चाय लेकर दौड़कर उसे बेचने जाते थे।

यह भी पढ़ें - एनडीए सरकार की सालगिरह पर मोदी की रैली की 10 मुख्य बातें

इसके अलावा वह अपने बचपन में स्थानीय नेताओं की ओर से नारे लगाने का भी काम करते थे। इससे भी उन्हें कुछ पैसे मिल जाते थे जो उनके घर के खर्च को चलाने में मदद करते थे। बचपन में मोदी को 12 फीट चौड़े और 40 फीट लंबे घर में अपने पांच भाई-बहनों और माता-पिता के साथ रहना पड़ता था। बहुत कम उम्र में अपना घर छोड़ना मोदी की ज़िंदगी का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शौक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुर्ते, घड़ियों, पेन और चश्मे के फ्रेम का बहुत ज्यादा शौक है। मोदी अपने इस शौक को पूरा करने के लिए काफी रकम खर्च करते हैं, लेकिन ज्यादातर ऐसा होता है कि यह सब चीजें उन्हें उनके प्रशंसक उन्हें भेंट करते हैं। मोदी बचपन में ही नहीं अब भी अपनी पर्सनालिटी का काफी ध्यान रखते हैं। वह हमेशा से अच्छा दिखना चाहते हैं।

संघ में रहने के दौरान भी वह सजने संवरने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे। उन दिनों वह सफेद पायजामा और छोटा कुर्ता पहना करते थे। समय के साथ उनके कपड़ों का चयन बदला और उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद तो 'मोदी' कुर्ते का फैशन ही चल पड़ा।

यह भी पढ़ें - मोदी सरकार से 72 फीसद लोग संतुष्ट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.