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सरकार ने भंग किया IGNCA बोर्ड, राम बहादुर राय होंगे अध्यक्ष, कांग्रेस ने किया विरोध

केंद्र सरकार ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के बोर्ड को भंग कर नए अध्यक्ष की नियुक्ति की है। वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के नए अध्यक्ष होंगे।

By kishor joshiEdited By: Published: Thu, 14 Apr 2016 12:41 PM (IST)Updated: Thu, 14 Apr 2016 10:45 PM (IST)

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के बोर्ड को भंग कर नए अध्यक्ष की नियुक्ति की है। वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के नए अध्यक्ष होंगे।

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सरकार के निर्णय का बचाव करते हुए संस्कृति और पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि बोर्ड को पहली बार भंग नहीं किया गया, इससे पहले भी यह हुआ है। उन्होंने कहा कि यह सतत प्रक्रिया है और केंद्र को भंग करना भी इसी का एक हिस्सा है। डॉ. शर्मा ने कहा कि आईजीएनसीए में अब नए परिवर्तन देखने को मिलेंगे और यह उन उद्देश्यों को लेकर कार्य करेगा जिसके लिए इसका गठन किया गया था।

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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की स्थापना 1987 में संस्कृति मंत्रालय के अधीन कला के क्षेत्र में अनुसंधान, शैक्षिक उद्यम तथा प्रचार-प्रसार करने वाली एक स्वायत्त संस्था के रूप में की गई थी।

कौन हैं राम बहादुर राय

  • राम बहादुर राय हिंदी के मशहूर पत्रकार हैं और दिल्ली से प्रकाशित हिंदी पाक्षिक प्रथम प्रवक्ता के संपादक हैं।
  • राय जनसत्ता समाचार पत्र के संपादक भी रह चुके हैं।
  • उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर पर 'रहवरी के सवाल' और पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह पर 'मंजिल से ज्यादा सफर' नामक पुस्तकें लिखी हैं।
  • जेपी आंदोलन के संस्थापक संगठनकर्ता राम बहादुर राय लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सहयोगी रह चुके हैं।
  • वे जेपी आंदोलन के ग्यारह सदस्यीय स्थायी समिति से सदस्य थे।
  • राय पहले व्यक्ति थे, जिन्हें 1973 में इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक सुरक्षा संपोषण अधिनियम- मीसा के तहत जेल जाना पड़ा था। बाद में उन्हें दूसरी बार अठारह महीनों के लिए जेल जाना पड़ा।
राय की नियुक्ति पर कांग्रेस ने जताया विरोध

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली कांग्रेस ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के पुनर्गठन पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय को कला केंद्र के प्रमुख नियुक्त करने की भरपूर आलोचनाकी है। साथ ही कला केंद्र को काग्रेस की विरासत बताते हुए कहा सरकार पर विभाजकारी एंजेडा लाने का आरोप लगाया है।

साथ ही पूर्व राजनयिक चिन्मय गरेखां को प्रमुख पद से हटाने को टकराव की राजनीति का हिस्सा भी करार दिया। शर्मा ने बताया कि 1987 में राजीव गांधी सरकार में कला क्षेत्र के प्रचार-प्रसार के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र स्थापित किया गया था जो कांग्रेस की विरासत है। मोदी सरकार ने पहले पंडित नेहरू मेमोरियल सोसायटी से अपनी कूटनीति शुरु की, जिसे अब इंदिरा गांधी तक ला खड़ा किया है। नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी हर किसी को साथ करने की बात तो जरूर करते है, पर अमल नहीं करते हैं।

(एएनआई इनपुट्स के साथ जेएनएन नेटवर्क)


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