'कवाल से गुजरे तो अंजाम बुरा होगा'
मुजफ्फरनगर। मलिकपुरा में सचिन-गौरव की 28 अगस्त को प्रस्तावित पुण्यतिथि कार्यक्रम के मद्देनजर कवाल के अल्पसंख्यक समाज ने अल्टीमेटम दे दिया है। पंचायत में फैसला हुआ है कि यदि पुण्यतिथि में जाने वाले लोग कवाल से होकर गुजरे तो अंजाम बुरा होगा। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद इस मामले में अहम फैसला लिया जा सकता है।
मुजफ्फरनगर। मलिकपुरा में सचिन-गौरव की 28 अगस्त को प्रस्तावित पुण्यतिथि कार्यक्रम के मद्देनजर कवाल के अल्पसंख्यक समाज ने अल्टीमेटम दे दिया है। पंचायत में फैसला हुआ है कि यदि पुण्यतिथि में जाने वाले लोग कवाल से होकर गुजरे तो अंजाम बुरा होगा। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद इस मामले में अहम फैसला लिया जा सकता है।
गौरतलब है कि गत वर्ष 27 अगस्त को कवाल में बहन से छेड़छाड़ के विरोध में मलिकपुरा गांव निवासी ममेरे-फुफेरे भाई सचिन-गौरव की हत्या कर दी गयी थी। इसी दौरान दूसरे पक्ष के शहनवाज की भी हत्या हुई थी। इसके मुजफ्फरनगर जिला दंगे की चपेट में आ गया था।
सचिन-गौरव की पुण्यतिथि उनके परिजनों व हिंदू संगठन के लोगों ने 28 अगस्त को गांव में ही मनाने का निर्णय लिया है। कार्यक्रम के लिए जहां हिंदू संगठन के लोगों ने अधिक से अधिक संख्या में लोगों को बुलाने के लिए पहल शुरू कर दी है, वहीं कवाल के अल्पसंख्यक वर्ग के लोग भी विरोध में उतर आए हैं।
बुधवार की देर रात एक धार्मिक स्थल में अल्पसंख्यक वर्ग के सैंकड़ों लोगों की पंचायत में वक्ताओं ने ऐलान किया है कि 27 अगस्त को मलिकपुरा में पुण्यतिथि में शामिल होने जाने वाले लोग अगर कवाल गांव के बीच से होकर निकलेंगे तो वे परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। पुण्यतिथि वाले दिन किसी भी सूरत में लोगों को गांव के बीच से नहीं निकलने दिया जाएगा। पुण्यतिथि में शामिल होने वाले लोग बायपास से ही जाएं तो अच्छा होगा।
उधर, सचिन-गौरव की पुण्यतिथि की तरह ही अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने मृतक शाहनवाज की मजार बनाने का निर्णय लिया है। मजार बनाने की तारीख भी 28 अगस्त मुकर्रर कर दी है। शाहनवाज के पिता सलीम ने कहा कि समाज जो निर्णय लेगा वह उससे बाहर नहीं जाएंगे। इसके लिए 21 सदस्यीय टीम ने काम करना शुरू कर दिया है। पंचायत के अलावा 28 अगस्त के कार्यक्रम के लिए अहम फैसला जुमे की नमाज के बाद लिए जाने की संभावना है।
बाहर रह रहे लोगों को दी जाएगी सूचना :
सूत्रों की मानें तो पंचायत में ऐलान किया है कि जो भी ग्रामीण भयभीत होकर 28 अगस्त से पूर्व गांव से बाहर जाएगा, उसे दोबारा गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा। साथ ही गांव से बाहर रह रहे लोगों को भी इस दिन में गांव में पहुंचने की सूचना दी जाएगी।
कोट्स :
जानकारी करके उच्च अधिकारियों से सलाह ली जाएगी। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
- मुकेश चंद्र मिश्र, सीओ जानसठ