Move to Jagran APP

द.चीन सागर पर चीन को घेरने की तैयारी में भारत, जापान का मिल सकता है साथ

दक्षिण चीन सागर पर अब भारत ने आक्रामक रुख अपनाने का फैसला किया है। भारत की इस मुहिम में जापान भी सामने आया है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Mon, 07 Nov 2016 11:41 AM (IST)Updated: Mon, 07 Nov 2016 02:07 PM (IST)
द.चीन सागर पर चीन को घेरने की तैयारी में भारत, जापान का मिल सकता है साथ

नई दिल्ली(जेएनएन)। चीन के अड़ियल रवैये की वजह से भारत को एनएसजी की सदस्यता नहीं हासिल हो सकी। लेकिन अब भारत इस मुद्दे पर चीन के साथ आक्रामक रुख अपना सकता है। पीएम मोदी की जापान यात्रा के दौरान भारत और जापान साझा रूप से बयान जारी कर दुनिया को बताएंगे कि दक्षिण चीन सागर पर चीन किस तरह दूसरे देशों की अनदेखी कर रहा है। चीन द्वारा आतंकी मसूद अजहर और एनएसजी पर अड़ंगा लगाने के बाद भारतीय रणनीतिकारों का मानना है कि इस मुद्दे पर अब चीन को उसकी भाषा में जवाब देने की जरूरत है।

loksabha election banner

भारत के समर्थन में जापान

दक्षिण चीन सागर पर सिंगापुर ने भले ही भारत के साथ साझा बयान जारी करने से इनकार कर दिया। लेकिन जापान ने कहा है कि भारत को दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर अपने हिसाब से सोचना चाहिए। भारत और जापान ने पिछले साल पहली बार साझा वक्तव्य में दक्षिण चीन सागर का जिक्र किया था। लेकिन अब पहली बार खुले तौर पर ये कहेंगे कि दक्षिण चीन सागर पर चीन न केवल अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसले की अवहेलना कर रहा है बल्कि क्षेत्रीय स्थायित्व के लिए खतरा बन रहा है।

ड्रोन विमानों के जरिए चीन दक्षिण चीन सागर पर रख रहा है नजर

सिंगापुर ने क्यों किया था इनकार ?

सिंगापुर के पीएम के भारत दौरे के समय भारत ने ये प्रस्ताव रखा कि दक्षिण चीन सागर पर दोनों देश एक साझा वक्तव्य जारी करें। लेकिन सिंगापुर ने अपने पक्ष में कहा कि वो किसी भी तरह से दक्षिण चीन सागर से जुड़ा हुआ नहीं है लिहाजा वो वक्तव्य नहीं जारी करेगा। लेकिन दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसले को भारत ने वियतनाम, ब्रुनेई, मलेशिया और फिलीपींस को ये बताने की कोशिश करेगा कि किस तरह उन देशों पर चीन अपना आधिपत्य जमाने की कोशिश कर रहा है। चीन ने अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था।

ओबामा की चीन को नसीहत- दक्षिण चीन सागर पर फैसला मानना ही होगा

मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट शिनमायवा-2i की खरीद पर होगी बात

जानकारों का कहना हैे कि भारत और जापान में सिविल न्यूक्लियर डील के साथ-साथ मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट शिनमायवा-2i की खरीद पर भी सहमति बन सकती है। जापान इस मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट की कीमतों में कमी करने का भी फैसला कर सकता है। बताया जा रहा है कि जापान और भारत के बीच इस डील की वजह से चीन में बौखलाहट हो सकती है। चीन ये भी कह सकता है कि दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर भारत बेजा दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।

दक्षिण चीन सागर पर भारत-वियतनाम का साझा वक्तव्य

पिछले सितंबर में पीएम की हनोई यात्रा के दौरान भारत ने वियतनाम के साथ ये साझा वक्तव्य जारी करना किया था। जिसमें दक्षिण चीन सागर के ऊपर चीनी विमानों के उड़ान के अलावा ये जिक्र था कि कैसे अंतरराष्ट्रीय पंचाट के फैसले को मानने से चीन ने इनकार कर दिया।

ड्रोन विमानों के जरिए चीन दक्षिण चीन सागर पर रख रहा है नजर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.