LED के प्रयोग से कार्बन डायऑक्साइड का उत्सर्जन कम करने में मिली कामयाबी
TERI के DG अजय माथुर ने कहा है कि जलवायु परिर्वतन से निपटने के लिए भारत वास्तविक समाधान की दिशा में लंबी छलांग लगाई है।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी) के महानिदेशक अजय माथुर ने कहा है कि भारत ने जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने और वास्तविक समाधान की दिशा में लंबी छलांग लगाई है। उन्होंने शनिवार को यहां कहा कि विकासशील देश होने के नाते हमने पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है। अजय माथुर प्रधानमंत्री की जलवायु परिवर्तन परिषद के सदस्य भी हैं। उल्लेखनीय है कि भारत ने 170 अन्य देशों के साथ शुक्रवार को पेरिस जलवायु संधि पर हस्ताक्षर किए हैं।
यौन शोषण के आरोप में घिरे आरके पचौरी से TERI ने खत्म किया कॉन्ट्रैक्ट
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरों से पृथ्वी को बचाने के लिए ठोस और सतत प्रयासों की जरूरत है। भारत का मानना है कि योजना पर उचित अमल से ही अपेक्षित परिणाम मिल सकते हैं। वास्तविक आंकड़ों तथा मानव और संस्थागत क्षमता का आकलन बेहद जरूरी है। हमें एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है, परस्पर अनुभवों का लाभ उठाने की प्रवृत्ति को और विस्तार देना होगा। माथुर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने की दिशा में भारत ने बड़ी पहल एलईडी प्रकाश व्यवस्था के रूप में की।
भारत समेत 171 देशों ने किए पेरिस जलवायु समझौते पर हस्ताक्षर
सामान्य के स्थान पर दस करोड़ एलईडी बल्बों का इस्तेमाल देश में हुआ जिससे कार्बन डायऑक्साइड में ढाई करोड़ टन की कमी लाने में कामयाबी मिली।उन्होंने कहा, अगला कदम हम पीएटी (परफार्म, अचीव एंड ट्रेड) के रूप में उठाने जा रहे हैं जिसके तहत सघन औद्योगिक इकाइयों की ऊर्जा खपत को तीन वर्षीय योजना के तहत घटाया जाएगा। माथुर ने कहा, टेरी राष्ट्रीय एक्शन प्लान तैयार करने तथा लक्ष्यों के निर्धारण में प्रभावशाली योगदान दे रहा है।
TTP ने ली सरदार सूरन सिंह की हत्या की जिम्मेदारी, इमरान खान ने की निंदा
तेलंगाना: केमिकल गोदाम में लगी भीषण आग, मौके पर गई दमकल की गाडि़यां मौजूद
जो अपने देश के गौरवशाली अतीत को नहीं जानते उनका कोई भविष्य नहीं: फड़नवीसलाखों लोगों को मिलेगा ग्राम उदय से भारत उदय योजना का लाभ: खट्टर