पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी बोले- राष्ट्रवाद का मतलब सिर्फ हिंदूवाद नहीं
पूर्व उप राष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी ने कहा कि प्रगतिशील होना समाज के लिए अनिवार्य है।
चंडीगढ़ (जेएनएन)। पूर्व उप राष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी ने कहा कि राष्ट्रवाद को कोई एक रूप नहीं दिया जा सकता है। भारत में 436 प्रकार की वेशभूषाएं हैं। 22 भाषाओं को राज्य भाषा का दर्जा है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सैकड़ों बोलियां हैं। यह सब ही भारत की पहचान हैं। ऐसे में राष्ट्रवाद को हिंदुओं से जोड़ना या फिर यह कहना कि राम धर्म ही राष्ट्रवाद है और मुस्लिमों को हिंदूवाद मानना ही होगा, पूरी तरह से गलत है।
पूर्व उप राष्ट्रपति सेक्टर-16 में शनिवार को प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से आयोजित राष्ट्रीय परिसंवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। अंसारी ने कहा कि प्रगतिशील होना समाज के लिए अनिवार्य है। यदि समाज की गति रुक जाती है तो समाज का विकास नहीं हो सकता। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां पर हमारी विभिन्नता ही राष्ट्रवाद है।
हिंदू राष्ट्रवाद के कारण बना पाकिस्तान : वाजपेयी
प्रसिद्ध कवि अशोक वाजपेयी ने कहा कि राष्ट्रवाद तीन प्रकार का है। पहला राष्ट्रवाद सभी के लिए समान है। इसमें कोई भेदभाव नहीं है। दूसरा राष्ट्रवाद ¨हदू प्रधान है। यह 1947 में सामने आया था। उसके कारण ही पाकिस्तान बना और हम कश्मीर के रूप में उसका खामियाजा भुगत रहे हैं। तीसरा राष्ट्रवाद मुस्लिम समुदाय से संबंधित है। इनमें से समानता राष्ट्रवाद की नीति ही अहम है। यदि यह नीति न हो तो भारत के कई टुकड़े हो जाएं। उन्होंने केंद्र सरकार की कई नीतियों पर व्यंग्य भी किया। कहा कि अब राष्ट्रवाद मात्र गोरक्षा है। यदि कोई किसी बात पर असहमति दिखाता है तो उसे देशद्रोह का नाम दे दिया जाता है। पाठ्यक्रम को आधुनिकता का नाम देने के चक्कर में इतिहास से खिलवाड़ हो रहा है।
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