अब ट्रेनों में अपराध रोकेगी जीआरपी सिटीजन आइ
ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा लिए राजकीय रेलवे पुलिस हाईटेक हो गई है। 'जीआरपी सिटीजन आइ' के जरिए भ्रष्टाचार रोकने की पहल की गई है। सिटीजन आई नाम से व्हाट्सएप पर जीआरपी का एक ग्रुप सक्रिय रहेगा। यह व्यवस्था शुक्रवार से शुरू होगी। पुलिस महानिरीक्षक रेलवे आशीष गुप्ता ने आज पत्रकारों को बताया कि जीआरपी उत्तर प
लखनऊ। ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा लिए राजकीय रेलवे पुलिस हाईटेक हो गई है। 'जीआरपी सिटीजन आइ' के जरिए भ्रष्टाचार रोकने की पहल की गई है। सिटीजन आई नाम से व्हाट्सएप पर जीआरपी का एक ग्रुप सक्रिय रहेगा। यह व्यवस्था शुक्रवार से शुरू होगी।
पुलिस महानिरीक्षक रेलवे आशीष गुप्ता ने आज पत्रकारों को बताया कि जीआरपी उत्तर प्रदेश के अंदर ट्रेनों में आवागमन करने वाले यात्रियों की सुरक्षा करती है, लेकिन कुछ जीआरपी कर्मी अवैध वसूली व गलत कार्य कर यात्रियों को परेशान कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी मामले आये जिनमें जिला पुलिसकर्मी या आम नागरिक भी वर्दी पहन कर यात्रियों को परेशान कर रहे हैं। ऐसे में मामलों में साक्ष्य एकत्र कर इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए यह पहल की गयी है।
गोपनीय रहेगा शिकायतकर्ता का नंबर
जीआरपी सिटीजन आइ 9454458064 पर व्हाट्सएप के जरिए साक्ष्य मुहैया करा सकते हैं। वीडियो और आडियो क्लिप भेजने वालों का नंबर गोपनीय रखा जाएगा। अवैध कृत्य का वीडियो या आडियो क्लिप भेजते समय घटनास्थल, ट्रेन, कोच नंबर, प्लेटफार्म नंबर, दिनांक और समय का अवश्य उल्लेख करना होगा। इस सुविधा का उपयोग जीआरपी के क्षेत्र यानी यूपी की सीमा के अंदर चल रही ट्रेन, प्लेटफार्म या रेलवे स्टेशन परिसर के अंदर किए पुलिसकर्मियों के अवैध कृत्यों के लिए ही किया जा सकेगा। वर्दी धारण करने वाले व्यक्ति द्वारा अवैध वसूली और बदसलूकी, अनधिकृत कृत्य, अनधिकृत वेंडरों और रेलवे स्टेशन पर टैक्सी व आटो स्टैंड पर अनियमितता के संबंध में ही इस माध्यम के जरिए कार्रवाई की जा सकेगी।
पूर्ववत सक्रिय रहेंगे नंबर
छेड़छाड़, मारपीट या अन्य आपराधिक घटनाओं की शिकायत रेलवे द्वारा पूर्व में स्थापित नंबरों 0522-1332, 0522-2288103, 2288104, 2288105, 2287241, 9794866946, 9919099190 तथा 9454402544 पर ही दर्ज कराई जाती रहेगी।
ट्रेनों में इमरजेंसी डोर
अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन [आरडीएसओ] ने ऐसा रेल यात्री डिब्बा तैयार किया है जिसके दरवाजे खुलते ही ट्रेन अपने आप रुक जाएगी। आपातकालीन स्थिति में यह दरवाजा यात्रियों के लिए काफी मददगार साबित होगा। आरडीएसओ ने इसका डिजाइन रेल कोच फैक्ट्री को भेज दिया है। पहले चरण में इन्हें वीवीआइपी ट्रेनों में लगाया जाएगा। इन आपातकालीन दरवाजों तक अंधेरे में भी यात्री रेडियम की मदद से पहुंच सकेंगे। आरडीएसओ के कार्यकारी निदेशक प्रशासन एके माथुर ने बताया कि इन कोचों पर पिछले कई साल से काम हो रहा था। रेल कोच फैक्ट्री से जल्द ही डिब्बे बनकर कुछ ट्रेनों में लगाए जाएंगे। ऐसे कोचों से दुर्घटनाओं व जान माल की क्षति की संभावनाएं बहुत कम हो जाएगी।
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