Move to Jagran APP

बिचौलिया मुक्त मंडी के लिए कृषिमंत्री राधामोहन सिंह ने की बैठक

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इस नये मॉडल कानून पर अमल हो जाने से किसानों की आमदनी को दोगुना करने में मदद मिलेगी।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 05:07 AM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 05:07 AM (IST)
बिचौलिया मुक्त मंडी के लिए कृषिमंत्री राधामोहन सिंह ने की बैठक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार ने परंपरागत मंडियों के एकाधिकार को खत्म करने का कानूनी मसौदा तैयार किया है। इसके तहत निजी क्षेत्रों को भी मंडियां स्थापित करने की छूट दी जाएगी। इन सुधारों से थोक जिंस बाजार में उपज के लाभकारी मूल्य और ग्राहकों को उचित मूल्य पर वस्तुएं उपलब्ध कराने में सहूलियत होगी। कृषि सुधारों के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों के कृषि मंत्रियों की सोमवार को हुई बैठक में इस मसले पर ज्यादातर राज्यों ने हामी भरी है। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बताया कि भाजपा शासित 15 राज्यों के साथ अन्य राज्यों ने भी कृषि सुधारों की दिशा में रुचि दिखाई है।

loksabha election banner

केंद्र की ओर से तैयार मंडी सुधार के दायरे को व्यापक बनाने के लिए इसका नाम कृषि उत्पाद और पशुधन मार्केटिंग (प्रमोशन एंड फेसिलिटेटिंग) एक्ट (एपीएलएम)-2017 कर दिया गया है। किसान फिलहाल इन जिंस मंडियों में केवल अपनी जिंस को बेच सकता है, जिसका संचालन मंडी कमेटी करती है। देश में कुल 6746 मंडियां हैं, जिनके बीच राष्ट्रीय स्तर पर 462 किमी की दूरी है। मंडियों की इस भारी कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने निजी क्षेत्रों को भी मौका देने का मन बनाया है, ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए उचित दूरी पर मंडियां मिल सकें।

यह भी पढ़ें: बढ़ते हादसों के साथ बढ़ रहा सड़क सुरक्षा ऐप का चलन

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इस नये मॉडल कानून पर अमल हो जाने से किसानों की आमदनी को दोगुना करने में मदद मिलेगी। कृषि मंत्रियों के सम्मेलन में मॉडल कानून पर ज्यादातर ने सहमति जताई है। सिंह यहां एक दिवसीय सम्मेलन में हुई चर्चा के बारे में पत्रकारों को जानकारी दे रहे थे। सम्मेलन में कृषि मंत्री के साथ, नीति आयोग के सदस्य रमेशचंद, कृषि सचिव एस. पट्टनायक और 18 राज्यों के कृषि मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इनके अलावा मंत्रालय के आला अफसरों ने हिस्सा लिया।

यह भी पढ़ें: यूपी के विकास की गति तेज करने में मदद करेगा नीति आयोग

सालभर पहले कृषि मंत्री सिंह ने अपर सचिव डाक्टर अशोक दलवई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, जिसने पिछली सभी रिपोर्ट और राज्यों की टिप्पणियों के आधार पर यह मॉडल कानून बनाया है। बैठक में हिस्सा लेने उत्तर प्रदेश की कृषि मार्केटिंग मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि उन्हें मॉडल कानून बहुत पसंद आया है, जिसे अपने राज्य में लागू करने के लिए इसका गहन अध्ययन कराया जायेगा। हरियाणा के कृषि मंत्री ने निजी क्षेत्र के मंडी स्थापित करने के प्रस्ताव को स्वागत किया है।

नीति आयोग के सदस्य और कृषि सुधारों की दिशा में पहल करने वाले रमेशचंद ने कहा कि यह मॉडल कानून है, जिसे राज्य अपने हिसाब से लागू कर सकते हैं। उनकी सलाह के हिसाब से इसमें संशोधन किया जा सकता है। मॉडल कानून पर दलवई ने कहा कि इसका मूल मकसद एकल कृषि बाजार हो, जिसमें एकल लाइसेंस व एकसमान शुल्क हो, जहां किसान उपज और पशुधन की खरीद-फरोख्त कर सके।

मंडी शुल्क को नियमित करने के लिए फलों व सब्जियों पर एक फीसद और अन्य अनाज पर दो फीसद शुल्क की अधिकतम सीमा तय कर दी गई है। इसी तरह कमीशन एजेंटों के शुल्क की सीमा भी जिंसों पर दो फीसद और फल-सब्जियों पर चार फीसद निर्धारित की गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.