यूपी के विकास की गति तेज करने में मदद करेगा नीति आयोग
नीति आयोग की यह पहल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के वर्षो में पूर्ववर्ती सपा की सरकार के कार्यकाल में यूपी की विकास दर देश की विकास दर से कम रही है।
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विकास की गति तेज करने के इरादे से नीति आयोग राज्य के लिए विशेष योजना बना रहा है। बताया जाता है कि जल्द ही आयोग के शीर्ष अधिकारियों का एक दल लखनऊ का दौरा कर इस कार्ययोजना को अमल में लाने के संबंध में विचार विमर्श करेगा। आयोग की इस कार्ययोजना में यूपी में औद्योगिक क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और शिक्षा, स्वास्थ्य व कुपोषण जैसे क्षेत्रों पर जोर दिया गया है।
सूत्रों ने कहा कि रविवार को दिल्ली में हुई नीति आयोग की गवर्निग काउंसिल के अवसर पर आयोग के एक शीर्ष अधिकारी ने योगी से मुलाकात कर उनके साथ बैठक का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि आयोग ने जो कार्ययोजना तैयार की है उसमें यूपी में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसे क्षेत्रों पर जोर दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि आयोग ने यूपी में कुपोषण से प्रभावित जिलों की पहचान भी की है। ऐसे जिलों की तादाद पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्य यूपी में अधिक है।
यह भी पढ़ें: चीन की भारत को नसीहत, ज्यादा बेताबी ठीक नहीं आर्थिक विकास पर दे ध्यान
नीति आयोग की यह पहल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के वर्षो में पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में यूपी की विकास दर देश की विकास दर से कम रही है। हालांकि पिछले एक दशक में मध्य प्रदेश और बिहार जैसे बीमारू राज्यों ने लंबी छलांग लगाकर कई वर्ष सालाना दस फीसदी से अधिक विकास दर हासिल की है। यूपी के विकास के लिए यूपी की वृद्धि दर को उच्च स्तर पर लाना जरूरी है। इसी तरह निवेश आकर्षित करने में भी यूपी हाल के वर्षो में पिछड़ता रहा है।
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी की रूस यात्रा से पहले दोनों देशों में गैस पाइपलाइन पर होगी बात
जो कुछ भी निजी निवेश या विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आया है वह गौतमबुद्धनगर तक सीमित रह गया है। इसके चलते प्रदेश के पूर्वी व मध्य भाग तथा बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र औद्योगिक विकास की दृष्टि से पिछड़ गए हैं।