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पुलिस ने कहा, 'खुद जली बच्ची', परिजनों का 'रेप' का आरोप

बेटी की साइकिल चलाने की छोटी सी बात पर मासूम को पीटने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ सदर बाजार पुलिस ने प्रताड़ना, धमकाने और मारपीट का केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने माना कि बच्ची पिटाई के बाद भयभीत हो गई थी और इतनी सहम गई कि उसने खुद को

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sat, 31 Jan 2015 08:25 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jan 2015 12:17 PM (IST)
पुलिस ने कहा, 'खुद जली बच्ची', परिजनों का 'रेप' का आरोप

इंदौर। बेटी की साइकिल चलाने की छोटी सी बात पर मासूम को पीटने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ सदर बाजार पुलिस ने प्रताड़ना, धमकाने और मारपीट का केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने माना कि बच्ची पिटाई के बाद भयभीत हो गई थी और इतनी सहम गई कि उसने खुद को आग लगा ली। यह बयान मोहल्ले की महिलाओं और परिजन ने दिए हैं।

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उधर, आरोपी पुलिसकर्मी घटना के अगले दिन ऑफिस आया था और उसका कहना है कि बच्ची को उसने जलाया नहीं। शुक्रवार को बच्ची की हालत और बिगड़ गई। उसके बयान नहीं हो पाए हैं। सदर बाजार पुलिस के अनुसार सिकंदराबाद कॉलोनी में रहने वाली यास्मीन के जलने के मामले में महिला अपराध प्रकोष्ठ में पदस्थ लिपिक (एएसआई) प्रेमप्रकाश जारोलिया के खिलाफ धारा 341, 294, 323 और 506 के तहत केस दर्ज किया है।

जांचकर्ता एसआई लक्ष्मीनारायण पाटीदार ने बताया कि मोहल्ले में रहने वाली महिला सुल्ताना, मुमताज बी और एक अन्य महिला ने बयान दिया है कि गुरुवार दोपहर 3 बजे प्रेमप्रकाश ने यास्मीन को साइकिल चलाते पकड़ा था और पीटते हुए घर तक लाया था। बच्ची को डराया और बंद करने की धमकी भी दी। इसके बाद वह अपने घर चला गया और थोड़ी देर बाद बच्ची अपने घर से जलती हुई निकली थी। पुलिस के अनुसार, बच्ची इतनी बुरी तरह डर गई थी कि खुद को आग लगाकर दौड़ पड़ी।

बच्ची की हालत बिगड़ी

एमवायएच में इलाजरत बच्ची की हालत और भी बिगड़ गई है और डॉक्टरों ने कहा है कि वह बयान देने की स्थिति में नहीं है। पुलिस भी बयान लेने पहुंची थी, लेकिन बच्ची से बात नहीं हो पाई।

सांसें थमीं तो बढ़ जाएगी धारा

सदर बाजार पुलिस के अनुसार बच्ची 100 फीसद जली है और यदि उसकी सांसें थम जाती हैं तो प्रेम प्रकाश के खिलाफ धारा 306 भी बढ़ जाएगी।

मेरी बेटी जैसी है, मैंने नहीं जलाया

घटना के अगले दिन आरोपी प्रेमप्रकाश जारोलिया अपने ऑफिस पहुंचा और अफसरों से सलाह-मशविरा किया। नईदुनिया को बताया कि उसने बच्ची को न तो पीटा और न ही जलाया। उसका कहना था कि बेटी की साइकिल बुधवार शाम को चोरी हो गई थी और उसने काफी देर तक खोजबीन की थी। अगले दिन रिपोर्ट दर्ज करवाना चाहता था। घटना वाले दिन दोपहर में बाइक से घर जा रहा था, तभी सिकंदराबाद ए विंग के पास यास्मीन साइकिल चलाते हुए दिखी। पूछा तो वह बोली कि अंकल मेरी मम्मी ने आपकी पत्नी से साइकिल खरीदी है। इतना सुनकर मैं हैरान रह गया। मैंने बाइक रोकी और बच्ची को पैदल-पैदल साइकिल सहित उसके घर तक लाया। यह इलाके के कई बच्चे देख रहे थे और वे भी मेरे साथ आ गए थे। घर पर बच्ची की मां नहीं थी।

मैंने अपनी पत्नी को बुलाया और कहा कि साइकिल मिल गई है। फिर मैं बच्ची को मकान मालिक के यहां ले गया और उन्हें भी घटना बताई। लंच के बाद मैं ऑफिस चला गया। शाम 5 बजे बाद थाने से फोन आया और घटना बताई। पता चला कि थाने पर 100 से ज्यादा लोग पहुंच गए हैं और मुझे तलाशा जा रहा है तो मैंने पत्नी को फोन लगाया। वह दोनों बेटियों को लेकर वहां से निकल गई। मैं भागा नहीं हूं और न मैंने ऐसी घटना की है। वह भी मेरी बेटी जैसी है। मैं केवल उससे पूछ रहा था कि साइकिल आखिर लाई कहां से?

बच्ची के हाथ बांधकर जलाया था

बच्ची के जलने के मामले में शुक्रवार रात उसकी रिश्तेदार और मोहल्ले की महिलाएं थाना घेरने सदर बाजार पहुंची। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्ची को हाथ बांधकर जलाया गया है और उसके पहले उससे दुष्कर्म किया गया है। इसकी जांच होना चाहिए। पुलिस भी आरोपी को बचा रही है। बच्ची को नशे का इंजेक्शन लगाकर बेहोश किया जा रहा है, ताकि उसके बयान न हो सके। पुलिस पर रुपये लेने का भी आरोप लगाया है।

[साभार: नई दुनिया]

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