गंगोत्री से हरिद्वार तक गंगा निर्मल
उत्तराखंड में गंगोत्री से हरिद्वार तक गंगाजल निर्मल है। रुड़की स्थित राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान [एनआइएच] के वैज्ञानिकों के शोध में यह तथ्य सामने आया है। इससे वैज्ञानिक उत्साहित हैं। तकरीबन तीन दर्जन स्थानों से एकत्रित नमूनों की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गंगा के पानी में बायो केमिकल ऑक्
शिवकुमार चौहान, रुड़की। उत्तराखंड में गंगोत्री से हरिद्वार तक गंगाजल निर्मल है। रुड़की स्थित राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान [एनआइएच] के वैज्ञानिकों के शोध में यह तथ्य सामने आया है। इससे वैज्ञानिक उत्साहित हैं। तकरीबन तीन दर्जन स्थानों से एकत्रित नमूनों की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गंगा के पानी में बायो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड [बीओडी] तीन पीपीएम से कम है। यह मात्रा तीन पीपीएम से अधिक होने पर पानी को प्रदूषित माना जाता है।
दरअसल, गंगा के पानी में प्रदूषण पर शोध कर रहे एनआइएच के वैज्ञानिकों ने जून में गंगोत्री से हरिद्वार तक 35 स्थानों से गंगा के पानी के नमूने एकत्र किए थे। इन नमूनों में बीओडी की मात्रा नापी जानी थी। शोध से जुडे़ संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि नमूनों की जांच के नतीजे उत्साहवर्धक हैं।