अब सोशल मीडिया पर भी अपनी मौजूदगी प्रभावी बनाएगा ईपीएफओ
ईपीएफओ अब सोशल साइट्स पर खुद को प्रभावी बनाने के लिए पेशेवर एजेंसी को नियुक्त करने की तैयारी कर रहा है। इस पर 7जुलाई को सीबीटी विचार करेगा।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया साइटों पर अपनी मौजूदगी को अधिक प्रभावी बनाने की तैयारी में है। इसके लिए पेशेवर एजेंसी की मदद ली जाएगी। यह संचार में किसी भी तरह के अभाव को दूर करेगी। एजेंसी को नियुक्त करने के प्रस्ताव पर सात जुलाई को ईपीएफओ का केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) विचार करेगा।
सीबीटी ईपीएफओ के फैसले लेने वाला शीर्ष संगठन है। इस साल के शुरू में बेंगलुरु में हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर इसकी जरूरत महसूस की गई है। ईपीएफओ के भविष्य निधि की रकम निकासी के नियमों को सख्त करने के आदेश के बाद ये प्रदर्शन हुए थे। बाद में श्रम मंत्रालय को आदेश को वापस लेना पड़ा था।
सलाना तीन करोड़ होगा खर्च
श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को मैनेज करने के लिए एजेंसी को जोड़ने का प्रस्ताव बैठक के एजेंडे में है। इसे नियुक्त करने का खर्च ईएसआइसी, ईपीएफओ और श्रम मंत्रालय संयुक्त रूप से उठाएंगे। इस पर सालाना तीन करोड़ रुपये का खर्च आने की उम्मीद है।
सेवाओं की बेहतरी के लिए नया प्रयास
ईपीएफओ के संगठनात्मक पुनर्गठन पर प्रस्ताव भी एजेंडे में शामिल हैं। ईपीएफओ ने 13 दफ्तरों की पहचान की है जिन्हें महाराष्ट्र के बांद्रा ऑफिस जैसी प्रबंधनीय इकाइयों में और पुनर्गठित किया जा सकता है। इसके अलावा ऐसे प्रत्येक राज्य के लिए संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को भी नियुक्त करने का प्रस्ताव है जहां संगठित क्षेत्र के कामगारों की संख्या बहुत ज्यादा है। सेवाओं की बेहतरी के लिए ऐसा किया जाएगा।
इक्विटी निवेश के प्रबंधन के लिए कंपनियों में होड़
संगठनात्मक पुनर्गठन की देखरेख के लिए गठित समिति इसी बैठक में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इक्विटी निवेश के प्रबंधन को सात कंपनियां दौड़ में चालू वित्त वर्ष में शेयर बाजारों में ईपीएफओ के निवेश का प्रबंधन करने के लिए सात एसेट मैनेजमेंट कंपनियां दौड़ में हैं। इनमें एसबीआइ म्यूचुअल फंड, आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल, रिलायंस कैपिटल, एचडीएफसी, एलआइसी, यूटीआइ और कोटक महिंद्रा शामिल हैं।
ईपीएफओ के एक अधिकारी ने बताया कि फाइनेंस ऑडिट एंड इंवेस्टमेंट कमिटी (एफएआइसी) इन कंपनियों की ओर से बोलियों के आकलन के आधार पर सुझाव देगी। श्रम मंत्री की अध्यक्षता में सीबीटी इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लेगा। सीबीटी से मंजूरी के बाद चुनी गई फर्म शेयर बाजार में ईपीएफओ के निवेश का प्रबंधन करेगी।
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