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चंदे की रसीद देना कांग्रेस व सपा को मंजूर नहीं

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को चंदे की रसीद देना मंजूर नहीं है। चुनाव के लिए राजनीतिक दल धन कहां से पाते हैं और कैसे खर्च करते हैं इसमें पारदर्शिता लाने व जवाबदेही तय करने के लिए चुनाव आयोग की यह पहल इन दोनों को रास नहीं आ रही है। कांग्रेस और सपा ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है तो भाजपा ने इस मुद्दे

By Edited By: Published: Mon, 27 Jan 2014 09:59 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2014 08:38 AM (IST)

नई दिल्ली। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को चंदे की रसीद देना मंजूर नहीं है। चुनाव के लिए राजनीतिक दल धन कहां से पाते हैं और कैसे खर्च करते हैं इसमें पारदर्शिता लाने व जवाबदेही तय करने के लिए चुनाव आयोग की यह पहल इन दोनों को रास नहीं आ रही है। कांग्रेस और सपा ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है तो भाजपा ने इस मुद्दे पर अपना जवाब ही नहीं दिया है। भाकपा, माकपा, राकांपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा, अकाली दल सहित कई क्षेत्रीय दल चुनाव आयोग के इस सुझाव के पक्ष में हैं।

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चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों से उनका विचार जानना चाहा था। आयोग की इस पहल का मकसद चुनाव प्रचार में काले धन का इस्तेमाल रोकना है। आयोग का कहना है राजनीतिक दल 20 हजार रुपये से अधिक के चंदा लें या भुगतान करें तो उसकी रसीद लें या दें। यह भी कहा गया है कि कोई भी भुगतान या तो चेक या इंटरनेट बैंकिंग के जरिये हो। ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के निदेशक राम नाथ झा के द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत मांगी गई जानकारी के अनुसार, कांग्रेस ने आयोग के अधिकांश सुझावों को खारिज कर दिया है वहीं भाजपा ने तय समय सीमा में जवाब ही नहीं दे पाई।

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भाजपा के नेताओं का कहना है कि वे इस मुद्दे पर अपनी राय चुनाव आयोग द्वारा चार फरवरी को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में व्यक्त करेंगे। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने कहा है कि कांग्रेस के लिए चंदा देने वाले सभी लोगों और कंपनियों को रसीद देना संभव नहीं है। 13 अक्टूबर 2013 को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा है- चुनाव प्रचार के बीच में हर चंदा देने वाले को रसीद देना न तो व्यावहारिक है और न ही संभव है। भाकपा, माकपा और अकाली दल चुनाव आयोग के 20 हजार से अधिक के चंदे की रसीद देने के प्रस्ताव से सहमत हैं। उसका कहना है कि यह प्रस्ताव अव्यावहारिक लगता है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव का कहना है कि रसीद के लिए 20 हजार रुपये की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। बसपा ने भी चार फरवरी की सर्वदलीय बैठक में ही इस पर अपनी राय जाहिर करने की इच्छा जताई है।

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