जन्म दिन मुबारक: शर्मिला के संग ने धर्मेंद्र को बनाया क्लासिक एक्टर!
दोनों ने पहली बार 1966 की फ़िल्म 'अनुपमा' में साथ काम किया था। ये फ़िल्म भी हिंदी सिनेमा की क्लासिक्स में शामिल हैं।
मुंबई। 8 दिसंबर को हिंदी सिनेमा के दो लीजेंडरी एक्टर्स धर्मेंद्र और शर्मिला टैगोर जन्म दिन मनाते हैं। दोनों ने कई फ़िल्मों में साथ काम किया है, ज़्यादातर हिंदी सिनेमा की क्लासिक्स मानी जाती हैं।
धर्मेंद्र और शर्मिला की सबसे यादगार फ़िल्म 1969 में आई 'सत्यकाम' है, जिसमें शर्मिला धर्मेंद्र की पत्नी के रोल में थीं। धर्मेंद्र को सामान्य तौर पर ही-मैन के रूप में देखा जाता है, जो अपनी बाजुओं के दम से बड़े-बड़े कारनामे कर गुज़रता है, मगर 'सत्यकाम' जैसी फ़िल्मों में धर्मेंद्र की इमोशनल साइड देखने को मिलती है।
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ऋषिकेश मुखर्जी डायरेक्टिड फ़िल्म में धर्मेंद्र ने ईमानदार और हमेशा सच बोलने वाले इंसान सत्यप्रिय का किरदार निभाया था। अपनी सच्चाई की वजह से सत्यप्रिय को जीवन में काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं, और ज़िंदगी उस वक़्त मुश्किल हो जाती है जब उसे कैंसर हो जाता है। इस फ़िल्म में धर्मेंद्र की एक्टिंग को काफी सराहा गया और ये फ़िल्म उनके करियर की बेस्ट फ़िल्मों में से एक मानी जाती है।
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सत्यकाम में शर्मिला का किरदार ऐसी पत्नी का था, जो तमाम मुश्किलें बर्दाश्त करने के बावजूद अपने पति की सच्चाई और ईमानदारी को सपोर्ट करती है। धर्मेंद्र ख़ुद भी सत्यकाम को अपने करियर की सबसे यादगार परफॉर्मेंसेज में से एक मानते हैं। साठ के दशक में धर्मेंद्र और शर्मिला ने कई यादगार फ़िल्में की हैं।
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दोनों ने पहली बार 1966 की फ़िल्म 'अनुपमा' में साथ काम किया था। ये फ़िल्म भी हिंदी सिनेमा की क्लासिक्स में शामिल हैं। ऋषिकेष मुखर्जी डायरेक्टिड फ़िल्म में धर्मेंद्र का किरदार काफी संजीदा था, जबकि शर्मिला को फ़िल्म में तक़रीबन चुप ही दिखाया गया था। इसी साल आई देवर में धर्मेंद्र और शर्मिला ने साथ काम किया।
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इसके अलावा देवर (1966), मेरे हमदम मेरे दोस्त (1968), यक़ीन (19690) और चुपके-चुपके (1975) धर्मेंद्र और शर्मिला की यादगार फ़िल्में हैं। धर्मेंद्र और शर्मिला आख़िरी बार 1984 में आई 'सनी' में साथ नज़र आए। इस फ़िल्म में धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल और अमृता सिंह लीड रोल्स में थे। अमृता बाद में शर्मिला के बेटे सैफ़ अली ख़ान से शादी करके उनकी बहू बनीं।
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