गृह मंत्री से मिले पंजाब के डिप्टी सीएम बादल, सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने की मांग
पहले गुरुदासपुर और अब पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले के दौरान पाकिस्तान से घुसपैठ की आशंका के बीच पंजाब ने मांग की है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई जाए।
नई दिल्ली। पहले गुरुदासपुर और अब पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले के दौरान पाकिस्तान से घुसपैठ की आशंका के बीच पंजाब ने मांग की है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई जाए। राज्य के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बढ़े खतरे को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कर्मियों की संख्या बढ़ाने को कहा है।
गृह मंत्री से मुलाकात के बाद सुखबीर सिंह बादल ने कहा, 'पंजाब में पाकिस्तान की सीमा से लगा बड़ा इलाका ऐसा है, जहां कंटीले तार की बाड़ नहीं है। लेकिन यहां सुरक्षा बलों की तादाद अपेक्षाकृत कम है। हमने केंद्र से मांग की है कि यहां सुरक्षा को बिल्कुल चुस्त किया जाए।'
अंतरराष्ट्रीय सीमा और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) को मिला कर देश का 3,323 किलोमीटर लंबा इलाका पाकिस्तान से सटा हुआ है। इसमें 553 किलोमीटर का क्षेत्र पंजाब में पड़ता है। लेकिन इसमें सिर्फ 462 किलोमीटर की सीमा पर ही कंटीले तार लगे हुए हैं। बाकी में सुरक्षा करना बहुत मुश्किल होता है। इसी तरह जम्मू-कश्मीर में बिना बाड़ का इलाका कम होने के बावजूद वहां बीएसएफ की एक बटालियन को औसतन 21 किलोमीटर के इलाके पर नजर रखनी होती है, जबकि पंजाब में इसे औसतन 34 किलोमीटर का इलाका देखना होता है। ऐसे में यहां चूक की आशंका ज्यादा रहती है।
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गृह मंत्रालय ने इस पर गंभीरता से विचार का भरोसा दिया है। इस मामले में चूक की जांच के लिए मंत्रालय बीएसएफ को पहले ही आदेश दे चुका है। इस साल की शुरुआत में पठानकोट एयर बेस में घुसे आतंकवादियों के तो सीमा पार से आने की आशंका है ही, इससे पहले पिछले साल जुलाई में गुरुदासपुर में एक थाने पर हुए हमले में भी आतंकवादियों ने भी इसी इलाके से सीमा पार की थी।
पठानकोट मामले को ले कर सुखबीर सिंह ने कहा कि सभी एजेंसियों की सजगता से आतंकवादियों के लक्ष्य को नाकाम करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पंजाब ने एक जनवरी की सुबह साढ़े सात बजे ही केंद्रीय एजेंसियों को सूचना दे दी थी। केंद्र में शीर्ष स्तर से फोन कर उन्हें इस तत्परता के लिए बधाई भी दी गई और इसमें कहा गया कि इस तत्परता की वजह से ही आतंकवादियों को ज्यादा नुकसान पहुंचाने से रोका जा सका।
उन्होंने गुरू ग्रंथ साहिब की अवमानना के मामले में चल रही सीबीआइ जांच को जल्दी पूरा करने का अनुरोध भी किया। पठानकोट मामले में एसपी सलविंदर सिंह की भूमिका के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश की शीर्ष जांच एजेंसी एनआइए इसकी जांच कर रही है और जो भी इसमें शामिल होगा, उसे भुगतना पड़ेगा। उधर, एनआइए इस मामले में सच्चाई जानने के लिए सोमवार को सलविंदर सिंह पर लाई डिटेक्टर टेस्ट करने वाली है। इसके लिए सिंह को सोमवार को दिल्ली लाया जा सकता है।
पंजाब में नशीले पदार्थो के कारोबार को ले कर उठ रहे सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य में इस कारोबार के खिलाफ बहुत गंभीर कदम उठाया जा रहा है। बाहर यह धारणा बनाई जा रही है कि पंजाब नशे की राजधानी है, जबकि यह अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी का एक ट्रांजिट है। पंजाब में इस कारोबार के खिलाफ जिस तरह सख्ती हो रही है, उसकी वजह से पूरा देश इस खतरे में फंसने से बच पा रहा है। राजनेताओं और ड्रग माफिया की सांठ-गांठ के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, 'ऐसे मामले में जिस किसी के भी खिलाफ कोई सबूत आया है, उसके खिलाफ कार्रवाई हुई है। लेकिन सिर्फ आरोप लगा देना ठीक नहीं है।'
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