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उत्तरी राज्यों में कई नदियां उफान पर, दिल्ली में बारिश ने तोड़े 10 साल के रिकॉर्ड

देश के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में हो रही भारी बारिश से दिल्ली, असम, मेघालय, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

By kishor joshiEdited By: Published: Sat, 30 Jul 2016 11:47 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jul 2016 07:22 AM (IST)

नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की राजधानी दिल्ली पर मानसून इस कदर मेहरबान हुआ है कि बारिश ने 24 घंटे में दस साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। नतीजतन शनिवार को जगह-जगह जाम की स्थिति रही। जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त रहा। देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई की जीवन रेखा उपनगरीय रेल का संचालन भी मूसलधार बारिश के कारण लड़खड़ा गया है। जबरदस्त बारिश के कारण नदियों के उफन जाने से उत्तर के कई राज्यों में लाखों लोग दुश्वारियों से जूझ रहे हैं।

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मौसम संबंधी भविष्यवाणी करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक दिल्ली में पिछले 24 घंटे के दौरान 144 मिमी बारिश हुई है। इससे पहले 28 जुलाई, 2009 को 126 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। भारी बारिश के कारण आइटीओ, धौला कुआं, महिपालपुर चौक, रंगपुरी यूटर्न, वायुसेनाबाद और आजाद मार्केट चौक पर जलभराव के कारण यातायात व्यवस्था पर बुरी तरह असर पड़ा। डिफेंस कॉलोनी से धौलाकुआं तक जाने में अमूमन 25 मिनट लगते हैं लेकिन जलभराव के कारण शनिवार को डेढ़-दो घंटे लगे।

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मुंबई में आने वाले दो दिनों में भारी भारिश की भविष्यवाणी

दूसरी ओर, मुंबई में बारिश के कारण लोकल ट्रेनें काफी विलंब से चलीं। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के मुताबिक आने वाले दो दिनों में बारिश और ज्यादा मुश्किलें खड़ी कर सकती है।

उत्तर प्रदेश: घाघरा में समा गए दर्जनों मकान

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में घाघरा में 27 मकान समा गए। रेउसा ब्लॉक का निर्मलपुरवा गांव खाली हो गया है। यहां 21 मकान कटकर नदी में बह गए हैं। बहराइच में घाघरा व सरयू का कहर जारी है। बाढ़ से घिरे दर्जनों गांवों में कच्चे मकान ध्वस्त हो गए हैं। बिजनौर में मालन नदी के उफन जाने से हरिद्वार मार्ग बंद हो गया। सारा यातायात दूसरे मार्गों पर डायवर्ट किया गया।

असम: हो चुकी है 26 लोगों की मौत

असम में हुई भारी बारिश के बाद शनिवार को राजनाथ सिंह ने असम की बाढ़ में डूबे इलाकों का हवाई सर्वे किया। सर्वे के बाद राजनाथ सिंह ने बताया, ''असम के 26 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। पिछले एक हफ्ते में बाढ़ के चलते करीब 26 लोग मारे जा चुके हैं।" बाढ़ का सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में लखीमपुर, गोलाघाट, बोगाईगांव, जोरहाट, धेमाजी, बारपेटा, गोलपाड़ा, धुबरी, दर्रांग, मोरीगांव, दिब्रूगढ़ और सोनितपुर शामिल हैं।

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बिहार में कुछ राहत

बिहार के पूर्वी हिस्से में कोसी और सीमांचल की अन्य नदियां अब थोड़ी शांत हुई हैं। पानी घटने लगा है। गांव-घर डूबने से बांधों और राहत शिविरों में शरण लिए लोग अब लौटने का मन बना रहे। कोसी सीमांचल के कुछ गांवों में लोग वापस जाते दिखे। शुक्रवार रात से शनिवार तक बाढ़ के पानी में डूबकर कटिहार में चार, किशनगंज में दो और अररिया में एक की मौत हो गई। कटिहार के प्राणपुर में एनएच 81 का डायवर्जन खुशहालपुर के समीप बह गया। आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। पश्चिम चंपारण में गंडक, सिकरहना व मसान नदी उफान पर है। प्रभावित लोग लोग चंपारण तटबंध पर शरण लिए हुए हैं। पूर्वी चंपारण के अरेराज, संग्रामपुर व केसरिया में घरों में गंडक का पानी घुस गया है।

पश्चिम बंगाल: मालदा में गंगा का कहर

पश्चिम बंगाल के मालदा में गंगा के उफान पर आने के कारण 31 गांव जलमग्न हो गए हैं। 22 हजार से से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। हरिश्चंद्रपुर, रौता और कलियाचक सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र हैं। फरक्का बैराज के निकट बीर नगर में तटबंध के दो किमी हिस्से को गंगा बहा ले गई है। कलियाचक के ब्लॉक-3 में गंगा के कटान के कारण 1000 परिवार प्रभावित हुए हैं।

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उड़ीसा: वज्रपात से 25 की मौत

ओडिशा के सात जिलों में शनिवार अपराह्न वज्रपात से 25 लोगों की मौत हो गई, जबकि 35 जख्मी हैं। घायलों को इलाज के लिए अलग अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मरने वालों में अधिकांश किसान थे जो खेतों में काम कर रहे थे तभी वज्रपात की चपेट में आ गए। सबसे ज्यादा आठ मौतें भद्रक जिले में हुई हैं।


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