मुसीबत का सबब बनी भारी बारिश, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किया असम का दौरा
देश भर के अलग-अगल राज्यों में हो रही भारी बारिश से बाढ़ का कहर है। गुड़गांव और दिल्ली में भारी बारिश के बाद लोग लंबे जाम की समस्या से जूझ रहे हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। उत्तर भारत सहित पूर्वोत्तर राज्यों में हो रही भारी बारिश लोगों के लिए मुसीबत बनकर आई है। असम, बिहार, उत्तर प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को असम के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया है। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनवाल भी मौजूद रहे।
Leaving New Delhi for Guwahati to take stock of the situation in flood affected areas of Assam.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 30, 2016
दिल्ली नोएडा, मुंबई और बेंगलुरु में भारी बारिश के चलते लोगों को भयंकर ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना करना पड़ा। देश की राजधानी दिल्ली से सटे मिलेनियम सिटी गुड़गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग आठ पर बारिश का पानी भरने से गुरुवार शाम 25 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। हाल यह था कि गुरुवार शाम दफ्तरों से निकले कई लोग शुक्रवार सुबह अपने घर पहुंच पाए। यही हाल घर से दफ्तर जाने वालों का रहा। लोग यहां-वहां फंसे रहे।
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गुड़गांव: जलभराव के चलते एनएच-8 पर लगा 25 किलोमीटर लंबा जाम
करीब 19 घंटे बाद सड़क पर भरा पानी उतरने लगा तो शुक्रवार दोपहर 11 बजे जाम खुलना शुरू हुआ। राष्ट्रीय राजमार्ग आठ दिल्ली को जयपुर से जोड़ता है। यह गुड़गांव होकर गुजरता है। ट्रैफिक जाम तो साइबर सिटी गुड़गांव में था। लेकिन उसका असर पूरी दुनिया पर पड़ा। आइटी, आइटी इनेबल्ड और टेलीकॉम सेक्टरों में काम ठप होने से अमेरिका सहित दुनिया के कई बड़े देशों में काम प्रभावित हो गया है। करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। हरियाणा सरकार ने गुड़गांव के पुलिस कमिश्नर नवदीप सिंह विर्क पर जाम का ठीकरा फोड़ते हुए उनका तबादला रोहतक कर दिया। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। अमेरिका सहित कई देशों में इस तरह के लंबे जाम लगते रहे हैं पर भारत में संभवत: पहली बार ऐसा जाम देखने को मिला है।
गुड़गांव जैसा जाम नोएडा में भी
गुड़गांव के जाम के बाद शुक्रवार को दोपहर बाद हुई बारिश के बाद नोएडा एक्सप्रेस वे पर सात किलोमीटर लंबा जाम लग गया। नोएडा में महामाया फ्लाईओवर से सेक्टर 135 तक करीब 7 किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
बेंगलुरु: सड़कों पर मछली पकड़ रहे हैं लोग
आइटी हब बेंगलुरु और हैदराबाद से लेकर मुंबई तक में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया। बेंगलुरू में भारी बारिश की वजह से जगह-जगह जल भराव की सम्स्या आ रही है। आलम यह है कि सड़कों पर नावें तैरती हुई नजर आ रही हैं और लोग मछलियां पकड़ रहे हैं। लोग सड़कों पर बह रहे पानी में मछली पकड़ते भी देखे गए। गुरुवार रात भर हुई भारी बारिश से सड़कों पर भयंकर ट्रैफिक जाम लग गया।
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मुंबई में रेंगते हुए नजर आए वाहन
मैक्सिमम सिटी के रूप में प्रसिद्ध मुंबई के लोग भी ट्रैफिक जाम में रेंगते रहे। बारिश की वजह से अंधेरी के वेस्टर्न एक्सप्रेस वे पर बेहद अव्यवस्था पैदा हो गई। महानगर में पिछले दो हफ्तों से मूसलधार बारिश हो रही है जिससे सड़कों पर जलभराव की समस्या लगातार बनी हुई। यही दिक्कत हैदराबाद में भी बनी रही।
बाढ़ की चपेट में पूरा असम, 17 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य में ब्रह्मपुत्र समेत नदियां उफान पर हैं। राज्य के लगभग हर जिले में लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इस बाढ़ से कुल 18 लाख से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं। राज्य में 21 लोगों की मौत हो चुकी है।
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उत्तर प्रदेश में कई तटवर्ती गांवों के संपर्क मार्ग डूबे
सीतापुर में शारदा-घाघरा नदियों के बढ़ते जल स्तर से तटवर्ती गांवों के संपर्क मार्ग पानी में डूब गए हैं। बाढ़ व कटान से रेउसा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग पलायन करने लगे हैं। लखीमपुर में शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। श्रावस्ती में राप्ती लाल निशान के ऊपर बह रही हैं। बाढ़ से बहराइच- भिनगा मार्ग का एक हिस्सा धंस गया है। बहराइच में घाघरा व सरयू नदी उफान पर हैं। 100 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। बाढ़ प्रभावित लोग बेलहा-बेहरौलीतटबंध पर डेरा डाले हैं। घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर
बिहार में बाढ़ का कहर बढ़ता जा रहा है। उत्तर बिहार की ज्यादातर नदियां उफान पर हैं। राज्य में अब तक बाढ़ से 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और पीडितों के बीच राहत एवं बचाव चलाने को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में वैशाली, मोतिहारी, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, सारण, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और अररिया शामिल हैं।