ऊना कांड के विरोध में कल महारैली करेगा दलित समाज
समिति सदस्य सुबोध परमार ने कहा है कि यह लड़ाई दलितों के न्याय के लिए है, राजनेता इसमें सहयोग करें अन्यथा उनका सार्वजनिक विरोध होगा।
अहमदाबाद। ऊना में मारपीट से नाराज गुजरात का दलित समाज रविवार को अहमदाबाद में महारैली करेगा। दलित संघर्ष समिति ने समाज के महिला पुरुषों को आत्म रक्षा के लिए सशस्त्रह होने को कहा है। दलित अब मृत पशु भी नहीं उठाएंगे।
गीर सोमनाथ के ऊना तहसील के मोटा समढियाला गांव में मरी हुई गायों का चमड़ा उतार रहे दलित युवकों की बेरहमी से पिटाई करने से दलित समुदाय नाराज हैं। राज्य में जगह-जगह रैली, धरना व प्रदर्शन हो रहे हैं। ऊना समढियाला दलित अत्याचार संघर्ष समिति, दलित अधिकार मंच, दलित पैंथर सहित दो दर्जन से अधिक संगठनों ने रविवार को अहमदाबाद जिला कलक्टर कार्यालय के बाहर महारैली का ऐलान किया था लेकिन अब उन्हें चांदखेड़ा इलाके में महासम्मेअलन की मंजूरी दी गई है।
संघर्ष समिति के संयोजक एडवोकेट गोविंद परमार ने चेताया है कि महारैली में प्रशासन कोई बाधा खड़ी़ करता है तो समाज दलित स्वाभिमान के लिए भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के रुट पर संविधान यात्रा निकालकर प्रतिकार करेगा।
समिति सदस्य सुबोध परमार ने कहा है कि यह लड़ाई दलितों के न्याय के लिए है, राजनेता इसमें सहयोग करें अन्यथा उनका सार्वजनिक विरोध होगा। समिति ने दलितों से आत्मरक्षा के लिए शस्त्रों से सुसज्जित होने का आह्वान करते हुए कहा कि लाइसेंस के लिए सरकार को आवेदन करें। इससे पहले दलित संगठनों ने फैसला किया है कि अब गांव व शहरों में दलित मरे हुए जानवर नहीं उठाऐंगे। इसके चलते राज्य सरकार को कलेक्टर व जिला विकास अधिकारी को एक परिपत्र जारी कर मरे हुए जानवर उठाने की व्यपवस्था करने को कहना पड़ा है।
बहुजन समाज पार्टी ने ऊना की घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मौन रहने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि दलितों पर क्रूर अत्याचार के बाद भी मोदी मौन क्यों हैं। घटना की जांच कर रही अपराध शाखा ने 2 आरोपियों की और धरपकड़ की है। अब तक इस मामले में 23 युवक गिरफतार हो चुके हैं। उधर पीड़ित बालूभाई सरवैया ने कहा है कि उनके परिजनों पर अत्यााचार की घटना सुनियोजित थी, आरोपियों में से एक उन्हें मारते हुए कह रहा था कि वे पिछले डेढ माह से उनका पीछा कर रहे रहे हैं।