उपभोक्ता मनचाही कंपनी से ले सकेंगे बिजली
सरकार ने बिजली क्षेत्र में कायापलट करने का मन बना लिया है। विद्युत अधिनियम 2003 में वह कई आवश्यक बदलाव कर रही है। इनके चलते उपभोक्ताओं को जल्द ही मनचाही कंपनी से बिजली लेने का अधिकार मिलेगा। सरकार वितरण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना चाहती है। सरकार का जोर
नई दिल्ली। सरकार ने बिजली क्षेत्र में कायापलट करने का मन बना लिया है। विद्युत अधिनियम 2003 में वह कई आवश्यक बदलाव कर रही है। इनके चलते उपभोक्ताओं को जल्द ही मनचाही कंपनी से बिजली लेने का अधिकार मिलेगा। सरकार वितरण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना चाहती है। सरकार का जोर सिर्फ उत्पादन बढ़ाने पर ही नहीं है। वह यह भी चाहती है कि बिजली वितरण की समस्या का स्थायी समाधान हो। सीआइआइ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने ये बातें कहीं।
गोयल बोले कि सरकार अंतिम पायदान तक आपूर्ति के मामले में प्रतिस्पर्धा की अनुमति देने की पक्षधर है। इससे उपभोक्ताओं के पास बिजली आपूर्ति के संबंध में विकल्प मौजूद रहेगा। राज्यों को भी जनता की बेहतर तरीके से सेवा करने में मदद मिलेगी। गोयल ने भरोसा दिलाया कि जहां कहीं भी बिजली खरीद समझौते होंगे, संबद्ध पक्षों के हितों की रक्षा की जाएगी। ऊर्जा नियामक की सलाह इसमें मदद करेगी। सरकार मानती है कि प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने से शुल्कों में कमी होगी और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिलेगी। क्या उपभोक्ता अपनी बिजली वितरण कंपनी चुन सकेंगे?
इस सवाल के जवाब में गोयल बोले, धीरे-धीरे ऐसा किया जाएगा। महाराष्ट्र में ऐसी कोशिश हुई भी, लेकिन कुछ कानूनी मसलों के कारण वांछित नतीजे नहीं मिले। जब पूछा गया कि महाराष्ट्र में यह कोशिश सफल क्यों नहीं रही तो उन्होंने कहा कि विद्युत अधिनियम में कुछ दिक्कतें हैं। संशोधन के जरिये उन्हें दूर करने की कोशिश की जा रही है।
गोयल ने बताया कि बिजली अधिनियम पर काफी समय से चर्चा है। सभी संबद्ध पक्षों के परामर्श के लिए इसे सार्वजनिक किया गया था। सरकार को कई सुझाव मिले हैं। प्रस्ताव है कि ब्रिटेन की तर्ज पर आपूर्ति करने वाली कंपनी बिजली वितरण का काम न करे। इससे उपभोक्ताओं के पास अपनी बिजली वितरण कंपनी चुनने का अधिकार होगा। वर्तमान में बिजली कंपनियां एक साथ आपूर्ति और वितरण का काम करती हैं।
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