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दरें बढ़ाए बगैर हो सकता है दोगुना बिजली उत्पादन : पीयूष गोयल

किल्लत के चलते बिजली की लुकाछिपी के बीच बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने बड़ी उम्मीद जगाई है। उन्होंने कहा है कि सरकार तमाम नए तरीकों पर काम कर रही है। इनकी मदद से दरों को बढ़ाए बगैर बिजली उत्पादन को दोगुना से ज्यादा बढ़ाकर 20 खरब यूनिट किया जा सकता है।

By Edited By: Published: Fri, 04 Jul 2014 09:41 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jul 2014 09:41 AM (IST)

नई दिल्ली। किल्लत के चलते बिजली की लुकाछिपी के बीच बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने बड़ी उम्मीद जगाई है। उन्होंने कहा है कि सरकार तमाम नए तरीकों पर काम कर रही है। इनकी मदद से दरों को बढ़ाए बगैर बिजली उत्पादन को दोगुना से ज्यादा बढ़ाकर 20 खरब यूनिट किया जा सकता है। गोयल के मुताबिक, ईंधन लिंकेज को दुरुस्त तथा ट्रांसमिशन व वितरण के मुद्दों को सुलझा कर बिजली आपूर्ति की समस्या को दूर किया जा सकता है। बीते वित्त वर्ष में देशभर में सबसे ज्यादा मांग वाले समय (पीक ऑवर) में 6,103 मेगावॉट की कमी का सामना करना पड़ा। यह 1,35,918 मेगावॉट की कुल आवश्यकता का 4.5 फीसद है।

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बिजली की मांग होना सही है। इसे मुनासिब कीमतों में उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाना चाहिए। बीते वर्ष 900 अरब यूनिट का उत्पादन किया गया। मौजूदा संसाधनों में करीब 20 खरब यूनिट का उत्पादन हो सकता है। यह काम उपभोक्ता पर बोझ डाले बगैर किया जा सकता है। इसके लिए बिजली निर्माण के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण ईंधन कोयले की आपूर्ति को बेहतर करना होगा। उदाहरण के लिए, गुजरात के बिजली संयंत्र को छत्तीसगढ़ से कोयला मिलता है। जबकि गुजरात के बंदरगाह से आयातित कोयला एनटीपीसी को भेजा जाता है। इनकी अदला-बदली की जा सकती है। बिजली संयंत्रों के सामने कोयला गुणवत्ता की समस्या का समाधान करने के लिए हरेक खान पर क्रशिंग इकाई स्थापित की जा सकती है।

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