बिहार में लालू से गठबंधन को लेकर दुविधा में कांग्रेस
लोकसभा चुनाव को लेकर राजद-कांग्रेस-लोजपा-राकांपा गठबंधन की तस्वीर लोगों के जेहन में उभर रही है, मगर कांग्रेस अभी दुविधा में है। बिहार कांग्रेस के कुछ बड़े नेता राजद के साथ तालमेल के हिमायती हैं। अपने चुनावी 'सुरक्षित जोन' को देखते हुए वे राजद से तालमेल की वकालत भी कर रहे हैं। राजद सुप्र
पटना, जागरण ब्यूरो। लोकसभा चुनाव को लेकर राजद-कांग्रेस-लोजपा-राकांपा गठबंधन की तस्वीर लोगों के जेहन में उभर रही है, मगर कांग्रेस अभी दुविधा में है। बिहार कांग्रेस के कुछ बड़े नेता राजद के साथ तालमेल के हिमायती हैं। अपने चुनावी 'सुरक्षित जोन' को देखते हुए वे राजद से तालमेल की वकालत भी कर रहे हैं।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की जेल से रिहाई के बाद कांग्रेस से गठबंधन को लेकर 'लोगों' का भरोसा भी बढ़ा, मगर दोस्ती को लेकर कांग्रेस के भीतर ही बड़ा विरोध भी है। दागी सांसदों को चुनाव से अलग करने और लोकायुक्त विधेयक पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की दखल और नतीजे को देखने वाले कह रहे हैं कि लालू प्रसाद से हाथ मिलाकर कांग्रेस भ्रष्टाचार के सवाल पर राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को नया हथियार नहीं देना चाहती। पशुपालन मामले में लालू प्रसाद जमानत पर छूटे हैं, मुक्त नहीं हुए हैं।
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दलील यह भी कि भाजपा और जदयू पिछली बार मिलकर लड़े और अधिकांश सीटों पर कब्जा किया। दोनों के अलग होने से स्पेस बना है। बड़ी संख्या में सीटों पर राजद दूसरे नंबर पर रहा। तालमेल में उन सीटों पर दावा राजद का होगा। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने दो सीटों पर जीत हासिल की। तीन पर कांग्रेस के उम्मीदवार दूसरे पायदान पर रहे तो आठ-दस सीटों पर एक लाख के आसपास वोट आए। इस बीच बिहार में कांग्रेस ने इलाकों में जाकर पार्टी को और संगठित करने का काम किया है। जीत-हार अपनी जगह है पार्टी महसूस करती है कि अनेक सीटों पर वह मोल-तोल की स्थिति में आ गई है। ऐसे में पार्टी बिखराव को अपने पक्ष में देख रही है। दौड़ वाली सीटों पर उम्मीदें दिख रही हैं।
मोदी की रैली पर भड़की कांग्रेस
रांची, जागरण ब्यूरो। 29 दिसंबर को यहां हो रही नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली को प्रदेश कांग्रेस ने निशाने पर लिया है। पार्टी ने सवाल उठाया है कि रैली की तैयारी में करोड़ों रुपये लग चुके हैं। ये पैसे भाजपा नेताओं के पास कहां से आए? पार्टी के मीडिया प्रभारी शैलेश सिन्हा का आरोप है कि भाजपा भ्रष्टाचार के पैसे से मोदी की रैली की तैयारी में जुटी है। यह पैसे का सरासर दुरुपयोग है। इतनी राशि से ठंड में ठिठुर रहे लोगों को कंबल मुहैया कराया जा सकता था।
कांग्रेस ने चुनौैती दी है कि भाजपा खर्च किए जा रहे पैसे का हिसाब दे। पार्टी ने यह भी सवाल उठाया है कि राजधानी के सभी होर्डिग पर भाजपा के छोटे-बड़े नेताओं के बैनर नजर आ रहे हैं। जबकि नियमानुसार इसके लिए नगर निगम को राशि का भुगतान करना पड़ता है। भाजपा बताए कि इस मद में नगर निगम को कितनी राशि दी गई है। कांग्रेस का यह भी आरोप है कि भाजपा ने रैली के लिए छोटा मैदान चुना और लोगों को रैली में प्रलोभन देकर शामिल कराने का प्रयास किया जा रहा है।
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